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बिग ब्रेकिंग : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बड़ा ऐलान, प्रदेश में 10 हजार नए शिक्षकों की भर्ती जल्द….हरेली से गौठानों में शुरू होगी गौ-मूत्र की खरीदी

विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 2904.41 करोड़ रूपए का प्रथम अनुपूरक बजट ध्वनि से पारित

राज्य में पशुओं के उपचार के लिए 163 मोबाइल वेटनरी यूनिट होंगी प्रारंभ

हाट-बाजार क्लिनिक योजना की मोबाइल यूनिटों के लिए 300 चिकित्सा अधिकारियों की होगी भर्ती

रूरल इंडिस्ट्रीयल पार्क के कुटीर उद्योगों को मिलेगा बिजली बिल हॉफ योजना का लाभ

कोरबा, कांकेर, महासमुंद के मेडिकल कॉलेज के भवन निर्माण एवं उपकरणों तथा बिलासपुर के कैंसर संस्थान के लिए 250 करोड़ रूपए का प्रावधान

रायपुर, 22 जुलाई 2022/ छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज वित्तीय वर्ष 2022-23 का 2904 करोड़ 41 लाख 70 हजार 571 रूपए का प्रथम अनुपूरक बजट ध्वनि से पारित कर दिया गया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रथम अनुपूरक पर सदन में हुई चर्चा का सिलसिलेवार जवाब देते हुए राज्य सरकार के वित्तीय प्रबंधन, उपलब्धियों और अनुपूरक बजट के प्रावधानों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने चर्चा का जवाब देते हुए अनेक घोषणाएं की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 10 हजार नए शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ होगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 1998 के बाद राज्य सरकार द्वारा 14 हजार शिक्षकों की भर्ती की है, जिन्हें दस्तावेजों के परीक्षण के उपरांत नियुक्ति दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरेली पर्व से गौ-मूत्र की खरीदी भी शुरू करने जा रहे है। इससे राज्य में जैविक खेती को मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि पशुओं के उपचार के लिए 163 मोबाइल वेटनरी यूनिट शीघ्र प्रारंभ की जाएगी, इसके लिए अनुपूरक में 10 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। गौठानों में विकसित किए जा रहे महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क में लगने वाली यूनिटों को बिना बिजली की खपत की सीमा के कुल बिजली बिल में हॉफ बिजली बिल योजना का लाभ दिया जाएगा। इसी तरह मुख्यमंत्री ने सार्वभौम सार्वजनिक वितरण प्रणाली के पीडीएस केन्द्र संचालकों को डीलर मार्जिन राशि देने के लिए 266 करोड़ रूपए, अनुसूचित क्षेत्रों एवं सामान्य क्षेत्रों में चना वितरण हेतु 100 करोड़ रूपए की राशि, हाट-बाजार क्लिनिक योजना की मोबाइल यूनिटों के लिए 300 चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती, कोरबा, कांकेर, महासमुंद के मेडिकल कॉलेज के भवन निर्माण, उपकरणों की व्यवस्था और बिलासपुर के कैंसर संस्थान के लिए 250 करोड़ रूपए, 120 देवगुड़ी एवं 94 घोटुल के लिए 25.50 करोड़ रूपए, राजिम माघी पुन्नी मेला स्थल विकास के लिए 1.85 करोड़, गिरौदपुरी एवं भण्डारपुरी के विकास के लिए एक करोड़, रामायण मंडली के कलाकारों के संरक्षण एवं संवर्धन एवं कला दलों के सतत् विकास हेतु रामायण मंडली प्रोत्साहन योजना के लिए 10 करोड़ रूपए, दामाखेड़ा के विकास के लिए 9 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल के बच्चों के लिए आवासीय सुविधा हेतु नजदीक के शासकीय छात्रावासों में अतिरिक्त कक्ष का निर्माण के लिए 19 करोड़ रूपए, 9058 शैक्षिक तथा 2565 गैर शैक्षिक पद स्वीकृत किए गए है। मुख्यमंत्री ने 5 एचपी तक के सिंचाई पम्पों को निःशुल्क बिजली देने के लिए 200 करोड़ रूपए, हॉफ बिजली बिल योजना के तहत 41.16 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली बिल में रियायत देने के लिए 115.37 करोड़ रूपए, एकल बत्ती कनेक्शन योजना के तहत 17 लाख बीपीएल उपभोक्ताओं को 30 यूनिट तक निःशुल्क विद्युत सुविधा देने के लिए 84.63 करोड़ रूपए, पावर कंपनी के ऋण का टेक ओव्हर योजना में 300 करोड़ रूपए, मुख्यमंत्री शहरी विद्युतीकरण योजना के लिए 79.68 लाख, शहरी क्षेत्रों में अमृत मिशन 2.0 के अतंर्गत अधोसंरचना विकास तथा बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए 155 करोड़ रूपए, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिला कार्यालय एवं भू-अभिलेख कार्यालय के लिए 58 पदों का सृजन, साल्हेवारा, पिपरिया, कुण्डा, बचरापोड़ी, चलगली, हसौद तथा सरगांव तहसील कार्यालयों के लिए 104 पदों का सृजन किया गया है। ग्राम सिलघट, भिंभौरी बेमेतरा जिला, ग्राम संकनपल्ली एवं कैका जिला बीजापुर, सहनपुर जिला सरगुजा में नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापना के लिए पदों का सृजन का प्रावधान किया गया है। ग्राम देउर गांव जिला बेमेतरा, ग्राम फरेसगढ़, पालागुड़ा एवं बेदरे जिला बीजापुर में नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के लिए पदों के सृजन। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पामेड़ एवं बासागुड़ा जिला बीजापुर का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन तथा ग्राम छोटे डोंगर जिला नारायणपुर में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापना के लिए 111 पदों का सृजन तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लिए 50 करोड़ रूपए की अतिरिक्त राशि का प्रावधान किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक निर्माण विभाग अंतर्गत अनुपूरक बजट में 02 वृहद पुल निर्माण कार्य, केन्द्रीय सड़क निधि योजनांतर्गत 15 निर्माण कार्य, जवाहर सेतु योजनांतर्गत 02 पुल निर्माण कार्य, मूलभूत न्यूनतम सेवा योजना के अंतर्गत 14 ग्रामीण सडक निर्माण, न्यूनतम आवश्यकता योजनांतर्गत अनुसूचित जनजाति क्षेत्र के 40 सड़क निर्माण कार्य, मुख्य जिला सड़क योजनांतर्गत अनुसूचित जनजाति क्षेत्र के 02 मुख्य जिला सड़क निर्माण, सी. जी आर.आई.डी. सी. एल के द्वारा निर्माण कार्य योजनांतर्गत अनुसूचित जनजाति क्षेत्र के 31 सड़क एवं पुल निर्माण कार्य, अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्रों में सड़कों निर्माण योजनांतर्गत 02 सड़क निर्माण कार्य, लोक निर्माण विभाग अंतर्गत 02 ऑडिटोरियम एवं 05 विश्राम गृह का निर्माण इस प्रकार कुल 115 कार्य विभागीय बजट से किये जायेंगे। इस हेतु आवश्यक प्रावधान किये गये है।

मुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन की शुरूआत में कहा कि आज हमारे राष्ट्रीय झण्डा अंगीकार दिवस की 75वीं सालगिरह है। 22 जुलाई 1947 को भारत की संविधान सभा ने वर्तमान स्वरूप में जो तिरंगा है, उसे स्वीकार किया था। मैं आज तिरंगे के इस स्वरूप के जन्मदाता पिंगली वेंकैया जी का पावन स्मरण और सादर नमन करता हूं। यह तिरंगा झण्डा हर भारतीय की आन-बान और शान का प्रतीक बना है। भारत की आजादी की 75वीं सालगिरह 15 अगस्त 2022 को होगी लेकिन वर्तमान स्वरूप में हमारे तिरंगे झण्डे को संविधान सभा द्वारा अंगीकार करने की 75वीं सालगिरह आज है। उन्होंने इस पावन अवसर पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी।

प्रथम अनुपूरक अनुमान ( 2022-23) एक नजर में

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने चर्चा के दौरान कहा कि राज्य का वर्ष 2022-23 के मुख्य बजट का आकार 1 लाख 12 हजार 603 करोड़ 40 लाख रूपए है, 2 हजार 904 करोड़ 42 लाख रूपए के प्रथम अनुपूरक बजट के बाद इसका आकार बढ़कर 1 लाख 15 हजार 507 करोड़ 82 लाख रूपए हो गया है। प्रथम अनुपूरक बजट में 2 हजार 904 करोड़ 42 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है, जिसमें राजस्व व्यय 2 हजार 467 करोड़ 99 लाख रूपए तथा पूंजीगत व्यय 436 करोड़ 43 लाख रूपए है। यह छत्तीसगढ़ के इतिहास का सबसे बड़ा बजट है।

मुख्यमंत्री ने राज्य में कुशल वित्तीय प्रबंधन की जानकारी देते हुए कहा कि केन्द्र सरकार हमारे राज्य के हक और हिस्से के वित्तीय संसाधनों में समय-समय पर कमी करती रही है। इसके बावजूद वर्ष 2021-22 में कुल राजस्व प्राप्तियां 79 हजार 688 करोड़ हैं, जिसमें राज्य की स्वयं की राजस्व प्राप्तियां 41 हजार करोड़ तथा केन्द्र से प्राप्तियां 38 हजार 688 करोड़ हैं। इस प्रकार राज्य की राजस्व प्राप्ति केन्द्र की तुलना में अधिक है। कई वर्षों के बाद ऐसा पहली बार हुआ है। यह हमारी सफल अर्थनीति के कारण हुआ है।

श्री बघेल ने कहा कि वर्ष 2021-22 में राजस्व व्यय 75 हजार 366 करोड़ है, जो कुल व्यय का 87 प्रतिशत है। वर्ष 2021-22 में राज्य के राजस्व में 36 प्रतिशत की वृद्धि हुई है तथा राजस्व आधिक्य 4 हजार 321 करोड़ है। वर्ष 2021-22 में पूंजीगत व्यय 10 हजार 890 करोड़ है, जो कि कुल व्यय का 12.6 प्रतिशत तथा अब तक का सर्वाधिक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण वर्ष 2021-22 में प्रथम तिमाही में राज्य के राजस्व में कमी तथा जनहित के कार्यों एवं पूंजीगत व्यय के लिए आवश्यक संसाधन जुटाने हेतु 4 हजार करोड़ का बाजार ऋण लिया गया। वर्ष 2021-22 में बाजार ऋण का 3 हजार करोड़ भुगतान भी किया गया है। इस प्रकार वर्ष 2021-22 में लिया गया शुद्ध बाजार ऋण केवल 1 हजार करोड़ है, जो कि वर्ष 2012-13 के बाद पिछले 10 वर्षाे में सबसे कम है।

श्री बघेल ने कहा कि वित्तीय घाटा 6 हजार 812 करोड़ है, जो जीएसडीपी का मात्र 1.70 प्रतिशत है। इसमें से जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण 04 हजार 965 करोड़ तथा केन्द्र द्वारा दिया गया पूंजीगत व्यय हेतु ऋण 423 करोड़ कम करने पर यह 01 हजार 424 करोड़ होगा, जो जीएसडीपी का मात्र 0.36 प्रतिशत होगा। आरबीआई के अनुसार छत्तीसगढ़ का विगत 5 वर्षों का औसत कमिटेड व्यय (वेतन, पेंशन एवं ब्याज भुगतान) सभी राज्यों में सबसे कम (राजस्व व्यय का 23 प्रतिशत) है। विगत 5 वर्षाे में औसत विकासात्मक व्यय सभी राज्यों में सर्वाधिक (73.4 प्रतिशत) है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 31 मार्च, 2022 की स्थिति में कुल ऋण दायित्व 82,961 करोड़ है, जो जीएसडीपी (4 लाख 61 करोड़ ) के प्रतिशत के रूप में केवल 20.74 प्रतिशत है 15वें वित्त आयोग की अनुसंशा अनुसार यह अनुपात 25 प्रतिशत से कम होना चाहिए। छत्तीसगढ़ का ऋण जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में ओडिशा एवं गुजरात के बाद सभी राज्यों में सबसे कम है। भारत सरकार के लिए यह अनुपात 48 प्रतिशत है, जो छत्तीसगढ़ के दोगुने से भी अधिक है। वर्ष 2021-22 में ब्याज भुगतान 5.657 करोड़ है, जो राजस्व प्राप्तियों (79 हजार 688 करोड़) के प्रतिशत के रूप में 7.10 प्रतिशत है। 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा अनुसार यह अनुपात 10 प्रतिशत से कम होना चाहिए।

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