प्राथमिक स्कूल के बच्चों को दी जाएगी स्थानीय भाषा में शिक्षा, स्कूल शिक्षा विभाग ने जारी किया दिशा-निर्देश
ऐसे शिक्षक जिन्हें स्थानीय भाषा की जानकारी नहीं है उन्हें दिया जाएगा प्रशिक्षण
स्थानीय शिक्षाविदों की मदद से प्रशिक्षण के लिए तैयार होगा मोड्यूल
छत्तीसगढ़ की प्राथमिक शालाओं में अध्ययनरत स्कूली बच्चों को उनकी स्थानीय भाषा में शिक्षा देेने के लिए सभी इंतजाम सुनिश्चित किए जा रहे हैं। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा इन स्कूलों में पदस्थ ऐसे शिक्षक जिन्हें स्थानीय भाषा की जानकारी उन्हें विशेष तौर पर प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की गई है।
स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. एस. भारतीदासन ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को ऐसे शिक्षक जिन्हें स्थानीय भाषा का ज्ञान नहीं हैं, उन्हें चिन्हित कर उनके लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि ऐसे शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए स्थानीय स्तर पर विभिन्न प्रशिक्षण मोड्यूल तैयार किए जाएं। स्थानीय भाषा में शिक्षकों को प्रशिक्षण देने के लिए कोर ग्रुप का गठन किया जाए। कोर गु्रप में प्रत्येक जिले एवं विकासखण्ड से पांच-पांच विभागीय अधिकारियों का चयन किया जाए। जिला स्तर से डाईट, सहायक परियोजना अधिकारी प्रशिक्षण, विभिन्न प्रशिक्षणों में मास्टर ट्रेनर्स की सफल भूमिका निभाते हुए स्त्रोत व्यक्ति, सेवानिवृत्त कुशल शिक्षक-प्रशिक्षक एवं शिक्षाविद् जो स्थानीय स्तर पर शिक्षा गुणवत्ता में सुधार के लिए इच्छुक हो उन्हें कोर गु्रप में शामिल किया जाए।
कोर गु्रप द्वारा बालवाड़ी से लेकर हायर सेकेण्डरी स्तर तक के शिक्षकों की प्रशिक्षण आवश्यकताओं का आंकलन किया जाएगा। शिक्षकों के प्रशिक्षण आवश्यकताओं के आधार पर छोटे-छोटे कोर्सेस तैयार किए जाए या प्रचलित कोर्सेस को संकलित कर उन्हें शिक्षकों को उपलब्ध कराया जाए। विकासखण्ड स्तर पर प्रशिक्षण के लिए आवश्यक सुविधाएं एवं सिस्टम स्थापित किया जाए। प्रशिक्षण आयोजन के लिए कोर गु्रप का उन्नमुखीकरण किया जाएगा। कोर ग्रुप के माध्यम से छोटी-छोटी विशेषज्ञ टीम बनाकर प्रशिक्षण मोड्यूल और डिजाईन तैयार कराया जाएगा। विभिन्न विकासखण्डों और जिले आपस में समन्वय कर अपने-अपने लिए अलग-अलग प्रशिक्षण के क्षेत्रों का निर्धारण कर आपस में एक-दूसरे से साझा करेंगे। शिक्षकों को अपनी रूचि और आवश्यकता के आधार पर प्रशिक्षण का चयन करने का अवसर दिया जाएगा।