पहली बैठक में ही कलेक्टर के तेवर तीखे : बोले – अपने कार्यों को सुधारें लें, पहली बैठक इसलिए कार्रवाई नहीं कर रहा, अगली बैठक में मौका नहीं दूंगा….अप-डाउन नहीं चलेगा, समय पर ऑफिस पहुचे
- कलेक्टर ने योजनाओं की जानकारी नहीं होने पर जताई नाराजगी
- अकलतरा में ली ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों की बैठक
कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने आज जनपद पंचायत अकलतरा में विकासखण्ड स्तरीय अधिकारियों की बैठक ली और निर्देशित किया कि शासन की योजनाओं की सम्पूर्ण जानकारी रखे। इससे आपकी गंभीरता झलकती है कि आप अपने विभागीय कार्यों के प्रति कितने गम्भीर है। यह पहली बैठक है, इसलिए कार्यवाही नहीं कर रहा हूँ, समझाइश दे रहा हूँ। अगली बार समीक्षा करूँगा तो कोई मौका नहीं दूंगा। सीधे कार्यवाही करूँगा। उन्होंने सभी अधिकारियों को शासन का अंग बताते हुए कहा कि आपसी समन्वय के साथ शासन की योजनाओं का क्रियान्वयन करना सुनिश्चित करें और जनहित के कार्यों को प्राथमिकता दें।
समीक्षा बैठक में कलेक्टर श्री सिन्हा ने राज्य शासन की महत्वपूर्ण फ्लैगशिप योजनाओं की समीक्षा करते हुए इसके क्रियान्वयन में प्राथमिकता के निर्देश दिए। उन्होंने राजीव गाँधी किसान न्याय योजना, राजीव गाँधी कृषि मजदूर भूमिहीन न्याय योजना, राजीव युवा मितान क्लब के गठन की जानकारी ली। कलेक्टर ने खाद-बीज वितरण और भण्डारण की समीक्षा करते हुए निर्देशित किया कि खाद की काला बाजारी रोकने छापामार कार्यवाही करें।
कलेक्टर ने स्व-सहायता समूहों द्वारा निर्मित सामग्रियों को स्कूल, छात्रावासों, आश्रम, आंगनबाड़ी सहित स्वास्थ्य केंद्रों में गुणवत्ता और कीमत देखकर क्रय करने के निर्देश दिए। उन्होंने राशन कार्ड, जल जीवन मिशन अंतर्गत नल कनेक्शन, गोठानों में विद्युत व्यवस्था, पशु विभाग, उद्यानिकी, मत्स्य विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों, स्कूलों में जाति-निवास और आमदनी प्रमाण पत्रों की जानकारी भी ली। कलेक्टर ने गोठानों में संलग्न स्व-सहायता समूहों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आजीविका के साधन विकसित करने सभी गोठानों को व्यवस्थित तथा सक्रिय रखने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने भवन सननिर्माण अंतर्गत संचालित योजनाओं का लाभ हितग्राहियों को दिलाने और संगठित तथा असंगठित कामगारों के कार्ड बनवाने के भी निर्देश दिए। बैठक में एसडीएम श्रीमती नंदिनी कमलेश साहू, जनपद सीईओ सहित ब्लॉक स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
सिर्फ खाना खिलाने से कुपोषण नहीं जाएगा
कलेक्टर ने बैठक में कहा कि जिले में कुपोषण दूर करना उनकी प्राथमिकता में है। बच्चों से कुपोषण दूर करने के लिए सिर्फ खाना खिला देना ही पर्याप्त नहीं है, उन्हें गुड़, चना, मूंगफल्ली सहित पूरक पोषण आहार भी प्रदान किया जाए। उन्होंने महिला बाल विकास विभाग और बीएमओ को निर्देशित किया कि कुपोषण के शिकार बच्चों और गर्भवती महिलाओं की हीमोग्लोबिन जाँच करने विशेष अभियान चलाए। दोनों का स्वास्थ्य कार्ड बनाकर हर 15 दिन में जांच करें। कलेक्टर ने मितानीन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से गृहभेंट करने के निर्देश भी दिए।
संस्थागत प्रसव को बढ़ाएं और स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर बनाएं
कलेक्टर श्री सिन्हा ने विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि वे ब्लॉक अंतर्गत सभी स्वास्थ्य क्रेंद्रों में स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाए। अस्पताल में चिकित्सकों सहित सभी स्टाफ समय पर पहुचे। उन्होंने संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने तथा जीवनदीप समिति के माध्यम से दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि का वितरण संबंधित हितग्राहियों को करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने हाट बाजार क्लीनिक और शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना अंतर्गत मोबाइल मेडिकल यूनिट के वाहनों को नियमित रूप से गरीब और जरूरतमंद लोगों के बीच पहुचकर शिविर लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कोरोना वैक्सीनेशन अंतर्गत बूस्टर व प्री-कॉशन डोज के लिए भी अभियान चलाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने आयुष्मान कार्ड, जेनेरिक दवा वितरण की भी समीक्षा की।
स्कूलों को दी गई राशि का सदुपयोग हो, मैं जांच करूंगा
कलेक्टर श्री सिन्हा ने बैठक में बीईओ को निर्देशित किया कि स्कूलों को शासन द्वारा विभिन्न मद से आवश्यक कार्यों के लिए राशि प्रदान की जाती है। उक्त राशि से स्कूलों में हुए कार्यों या क्रय का अवलोकन करें। राशि का सदुपयोग होना जरूरी है। मैं स्वयं भी स्कूलों में जाऊंगा और बिल की जांच कर कार्यों को देखूंगा। कलेक्टर ने कहा कि बच्चों को सुविधाओं के साथ बेहतर शिक्षा मिले, यह प्राथमिकताओं में होनी चाहिए। शिक्षक समय पर स्कूल पहुंचे और अध्यापन कराए।
अप-डाउन नहीं चलेगा, समय पर ऑफिस पहुचे
कलेक्टर श्री सिन्हा ने ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे अपने मुख्यालय में रहना सुनिश्चित करें। शासन द्वारा जो समय निर्धारित किया गया है, उस समय तक कार्य करना सुनिश्चित करें। सोमवार को अनिवार्य रूप से कार्यालय में रहे। दूरस्थ क्षेत्रों से अप-डाउन की प्रवृत्ति नहीं चलेगी। फील्ड में रहने पर रिपोर्ट भी बनाएं। फील्ड के नाम पर अनावश्यक घूमना-फिरना न करें।