वरिष्ठ पत्रकार रमेश नैयर के निधन की बड़ी खबर आ रही है, इस खबर से पत्रकारिता जगत में शोक की लहर छा गई है। बता दें कि स्वर्गीय रमेश नैयर का देश के प्रतिष्ठित पत्रकारों में शुमार रहे हैं। आज दोपहर उन्होंने अंतिम सांसे ली हैं। स्वर्गीय वरिष्ठ पत्रकार कई अखबारों में संपादक रहे हैं।
वरिष्ठ पत्रकार रमेश नैयर के निधन की खबर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दुख जताया है। वे लंबे समय से चल बीमार चल रहे थे।
रमेश नैयर ने देश-प्रदेश में अपनी कलम का लोहा मनवाने वाले पत्रकारों में गिने जाते रहे हैं। उन्हें प्लानमेन मीडिया हाउस ने ‘रत्न—छत्तीस’ के गौरव से भी सम्मानित किया था। ‘देशबंधु’, ‘युगधर्म’, ‘एम पी क्रॉनिकल’, ‘लोक स्वर’ ‘ट्रिब्यून’ ,’संडे ऑब्जर्वर’ और ‘दैनिक भास्कर’ में लंबे समय तक उन्होंने अपने सेवाएं दी थी।
10 फरवरी सन 1940 को गुजरात के कुंजाह ( वर्तमान में पाकिस्तान ) में जन्म लेने वाले रमेश नैयर अपनी निर्भीक और निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए पूरे देश में एक मिसाल माने जाते थे।
रमेश नैयर की शिक्षा और पत्रकारिता एवं साहित्य में उनका योगदान इस प्रकार रहा है —
शिक्षा : एम.ए. (अंग्रेजी) सागर विश्वविद्यालय, एम.ए. ( भाषा विज्ञान) रविशंकर विश्वविद्यालय ।
पत्रकारिता : सन् 1965 से पत्रकारिता में । ‘ युगधर्म ‘, ‘ देशबंधु ‘, ‘ एम.पी. क्रॉनिकल ‘ और ‘ दैनिक ट्रिब्यून ‘ में सहायक संपादक । ‘ दैनिक लोकस्वर ‘, ‘ संडे ऑब्जर्वर ‘ (हिंदी) और ‘ दैनिक भास्कर ‘ का संपादन ।
आकाशवाणी, दूरदर्शन और अन्य टी.वी. चैनलों से वार्त्ताओं, रूपकों, भेंटवार्त्ताओं और परिचर्चाओं का प्रसारण । टी. वी. सीरियल और वृत्तचित्रों का पटकथा लेखन ।
पत्रकारिता और आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक विषयों पर राष्ट्रीय- अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों में भागीदारी ।
प्रकाशन : चार पुस्तकों का संपादन । अंग्रेजी, उर्दू और पंजाबी की सात पुस्तकों का हिंदी में अनुवाद ।
आजकल ‘ दैनिक भास्कर ‘ और अंग्रेजी दैनिक ‘ द हितवाद ‘, रायपुर के सलाहकार संपादक ।