
मुख्यमंत्री कलेक्टर-एसपी कांफ्रेंस की समय तारीख आगे बढ़ा दी गई है, 3 जून को होने वाली यह कांफ्रेंस अब 6 जून को होगी, इस कांफ्रेंस में सभी जिलों के कलेक्टर, एसपी समेत पांचों संभाग के आयुक्त और रेंज आइजी के साथ आला अफसर शामिल होंगे। प्रदेश में नयी सरकार बनने के बाद यह दूसरा मौका होगा जब मुख्यमंत्री भूपेश प्रदेश के आला अफसरों के साथ कांफ्रेंस कर चर्चा करेंगे |
मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दो पाली में एक-एक घंटे की कांफ्रेंस लेंगे, यह कांफ्रेंस शाम 5 बजे से शुरू होगी जो शाम 7 बजे तक चलेगी, बता दें कि यह बैठक पहले सुबह होने वाली थी | शाम 5 से 7 बजे तक कलेक्टर कांफ्रेंस के बाद शाम 7 से 8 बजे तक कलेक्टर व एसपी की ज्वाइंट काँफ्रेंस मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लेंगे।
जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कलेक्टर कांफ्रेंस में गर्मी के दिनों में होने वाली जल संकट और और बारिश के दौरान होने वाली समस्यों से निपटने के लिए रिपोर्ट माँगा गया है | वही भूपेश बघेल ने कलेक्टरों को शहरी क्षेत्रों में गरीबों के आवास निर्माण (ईडब्ल्यूएस) के लिए जमीन की उपलब्धता पर भी रिपोर्ट लेकर आने के लिए कहा गया है। बताया जा रहा है कि कलेक्टर कांफ्रेंस के एजेंडे में शहरी गरीबों और भूमिहीनों का पट्टा वितरण के साथ ही मोर जमीन मोर मकान भी शामिल है ।
ये हैं कलेक्टर कांफ्रेंस के एजेंडे
– नरवा गरुवा, घुरवा एवं बाड़ी के संबंध में हुई अद्यतन प्रगति
– लोक सेवा गारंटी अधिनियम अंतर्गत प्राप्त आवेदनों का समय सीमा में निराकरण
– वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत प्राप्त निरस्त आवेदनों की समीक्षा
– शहरी भूमि के पट्टों का नवीनीकरण
– नदियों की भूमि का सीमांकन एवं उस पर हुए अतिक्रमण की जानकारी, जल संरक्षण हेतु किये गये उपाय सिंचाई रकबा दोगुना करने हेतु तैयार की गयी कार्य योजना
– नदियों को प्रदूषण मुक्त करने हेतु बनायी जाने वाली कार्ययोजना, नदियों के तय पर बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण की कार्ययोजना
– डीएमएफ व सीएसआर के व्यय हेतु हितग्राही मूलक कार्यों की प्रस्तावित कार्ययोजना अब तक प्राप्त राशि एवं व्यय की स्थिति
– पेयजल संकट ग्रस्त ग्रामों, मंजरों टोलों को पेयजल संकट से मुक्ति हेतु प्रस्तावित कार्य योजना
– जेनरिक दवाईयों की उपलब्धता
– महिलाओं एवं बच्चों के पोषण स्तर में सुधार
– चिटफंड घोयालों के पीड़ितों के विरुद्ध दर्ज प्रकरण वापसी, पीड़ितों की राशि वापसी हेतु किये गये उपाय
– फूड प्रोसेसिंग सूक्ष्म, लघु, मध्यम श्रेणी लघु वनोपज आधारित एवं कृषि प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना एवं प्रस्तावित रोजगार सृजन