
आदिवासी आंदोलन को समर्थन करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बड़ा बयान दिया है, मुख्यमंत्री भूपेश ने रमन सरकार पर आरोप लगाया है कि पिछली सरकार ने जनता का भरोसा लेकर फैसला नहीं किया जिसके चलते अब विरोध हो रहा है, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार के फैसले की समीक्षा करने की जरुरत है। क्योंकि सरकारी प्रकिया पिछले सरकार ने पूरी की है, इसलिए इसके फिर से समीक्षा करने की आवश्यकता है।
वही मुंख्यमंत्री भूपेश ने कहा कि मैंने अधिकारियों से कहा है कि जंगल में रहने वाले आदिवासियों को उनके हक़ की ज़मीन सौंप देनी चाहिए। उन्होंने सदियों से जंगल को बचाकर रखा है। वे जंगल को बचा सकते हैं आप नहीं। वनाधिकार क़ानून को पिछले 13 साल में ठीक तरह से लागू नहीं किया गया। हम करेंगे।
मैंने अधिकारियों से कहा है कि जंगल में रहने वाले आदिवासियों को उनके हक़ की ज़मीन सौंप देनी चाहिए। उन्होंने सदियों से जंगल को बचाकर रखा है। वे जंगल को बचा सकते हैं आप नहीं।
वनाधिकार क़ानून को पिछले 13 साल में ठीक तरह से लागू नहीं किया गया। हम करेंगे।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) June 8, 2019
बता दें कि अडानी की कंपनी को एनएमडीसी के 13 नंबर लोह अस्यक खदान देने के विरोध में गुरुवार से आदिवासियों ने हल्ला बोल दिया है, गुरुवार से ही पहुंचे हजारों के तादाद में आदिवासियों ने कल शुक्रवार को एनएमडीसी के चेकपोस्ट को घेर लिया और वहां धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है |एनएमडीसी के गेट के सामने की जगह अब इनका ठौर-ठिकाना बन गई है, और यह विरोध जब तक जारी रहेगा जब तक की डिपोजिट नंबर 13 का दिया गया ठेका सरकार रद्द नहीं कर देती |