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भूपेश सरकार ने चरण पादुका योजना किया बंद, मंत्री अकबर ने दी सदन में जानकारी, जानिए क्या होगा प्रावधान

भूपेश सरकार ने पूर्व सरकार के विभिन्न योजनाओं के नाम बदलने के बाद अब तत्कालीन बीजेपी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना चरण पादुका वितरण योजना बंद कर दी है | मंत्री मोहम्मद अकबर ने सदन को इस बात की लिखित जानकारी दी | बता दें कि इस योजना के तहत प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी ने एक आदिवासी महिला को खुद अपने हाथों से चप्पल पहनाया था।
बता दें कि पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर नेअतारांकित सवालों के तहत के तहत मंत्री मोहम्मद अकबर से पूछा था कि क्या राज्य सरकार ने चरण पादुका वितरण योजना निरस्त कर दिया है। यदि, हां, तो क्या इसके बदले राज्य सरकार अब नकल राशि देगी…यदि हां, तो दर का निर्धारण प्रति जोड़ा कितना किया गया है।
अजय चन्द्रकर के सवालों का जवाब देते हुए मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा वर्ष 2019 में तेंदूपत्ता संग्राहकों को चरण पादुका वितरण नहीं किये जानेका निर्णय लिया गया है. चरण पादुका वितरण के स्थान पर तेन्दूपत्ता संग्राहकों को नगद राशि देने का औपचारिक निर्णय छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा अभी नहीं लिया गया है |
बता दे के पूर्व बीजेपी सरकार ने 2005 में चरण पादुका योजना की शुरुआत की थी | इस योजना के तहत तेंदु पत्ता इकट्ठा करने वाले आदिवासी लोगों को राज्य सरकार की तरफ से हर साल एक जोड़ी जूते दिए जाते हैं, शुरुआत में इस योजना के तहत परिवार के सिर्फ एक पुरुष सदस्य को साल में एक जोड़ी जूते दिए जाते थे, 2008 में इस योजना के दायरे में महिलाओं को भी लाया गया. 2008-09 और 2009-10 के दौरान इस योजना के तहत सिर्फ महिलाओं को राज्य सरकार की तरफ से जूते दिए गए. लेकिन, महिलाओं के अनुरोध पर 2013 से उन्हें जूते की जगह चप्पल दिए जाते हैं |

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