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बहुचर्चित “नान घोटाले” मामले में ED ने 13 आरोपियों के खिलाफ दर्ज किया केस…. CM भूपेश ने ट्वीट कर कहा- अब तक ED को किसने रोका था….इसमें भारी भरकम धन की हेराफेरी हुई है

प्रदेश के बहुचर्चित नान घोटाला के फाइल दोबारा ओपन होने से ही सियासी गलियारों में हलचल मच गई है, वही आज ईडी ने इस मामले में जुड़े 13 आरोपियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मामला पंजीबद्ध कर लिया है | ईडी द्वारा इस कार्रवाई के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर लिखा है कि नान घोटाला में भारी भरकम धन की हेराफेरी हुई है | लेकिन सवाल यह है कि अब तक ईडी को किसने रोका था |

सूत्रों कि माने तो इस फाइल में कई अहम् खुलासे हो सकते है, इसमें कई प्रभावशाली व्यक्तियों के नाम सामने आ सकते है, जिसमें तत्कालीन रमन सरकार के मंत्री और कई अधिकारीयों के नाम भी सामने आ सकता है | विपक्ष में रहते हुए भूपेश बघेल ने इस मामले की जांच करने के लिए कई बार मांग किया था, अब देखना होगा की मुख्यमंत्री बनने के बाद भूपेश बघेल इस मामले में कौन सा कदम उठाते है |

बता दें कि 12 फ़रवरी 2015 को ओडब्ल्यू और भ्रष्टाचार निवारक ब्यूरो की टीम ने नागरिक आपूर्ति निगम के कई अफसरों और कर्मचारियों के ठिकानों पर छापेमारी कर सात करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त कर इस घोटाले का पर्दाफाश किया था। इसमें रमन सरकार के दो मंत्री का नाम सामने आया था, इसके साथ ही कई अधिकारियों के नाम भी इस घोटाला में शामिल होना बताया जा रहा है |

मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा है कि
नान घोटाले पर ईडी की कार्रवाई ने हमारे आरोपों की पुष्टि की है कि इसमें भारी भरकम धन की हेराफेरी हुई है।
लेकिन सवाल यह है कि अब तक ईडी को किसने रोका था? उम्मीद है कि ईडी संस्थागत निष्ठा को बचाकर रखेगी और एसआईटी जांच को प्रभावित नहीं करेगी।

ईडी ने इनके खिलाफ दर्ज किया है मामला
शिवशंकर भट्ट, डीएस कुशवाहा, केके यदु, दिलीप शर्मा, सुधीर भोले, संदीप अग्रवाल, धनेश राम, मुनीर शाह, रामफूल पाठक, सतीश कैवर्थ, जेपी द्विवेदी, अनिल टुटेजा, आलोक शुक्ला

बता दें कि इसमें से आरोपी अनिल टुटेजा ने प्रदेश में सरकार बदलते ही इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री बघेल को पत्र लिखकर इस मामले की जांच निष्पक्ष कराने की मांग की थी | इसके साथ ही इस मामले से संबंधित सभी दस्तावेज दो साल पहले ही उपलब्ध करा देने कि बात कहा था ।

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