राजनीति

भाजपा में भूचाल : हर तरफ गुटबाजी को लेकर उठापटक!….जानिए अब BJP प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने किसे कहा “पार्टी के पेड वर्कर”, वॉट्सऐप चैट वायरल

भाजपा संगठन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है । हालत यह है कि पार्टी की बड़ी बैठकों में भी गुटबाजी खुलकर दिखाई दे रही है । लोकसभा की तैयारी में जुटी भाजपा के प्रभारी और संयोजकों में भी भीतर ही भीतर तनातनी का वातावरण है । आज प्रभारी अनिल जैन की पत्रवार्ता के बाद गुटबाजी और खुलकर सामने आई । सोशल मीडिया में भाजपाई आपस में अपने ही कपड़े उतारते दिख रहे हैं । बीजेपी नेता सच्चिदानंद उपासने ने एक व्हाट्स ग्रुप में पत्रकार वार्ता पर नहीं बुलाने जाने पर तंज कसा पार्टी के कुछ नेता और कार्यकर्ताओं को पेड वर्कर का नाम दे डाला |

सच्चिदानंद उपासने ने लिखा कि –

आज फिर मीडिया प्रभारी भाजपा ने पत्रकार वार्ता की जानकारी सभी प्रवक्ताओं को नहीं दी | पार्टी के वरिष्ठजनों को लगातार शिकायत के बाद भी प्रेस विज्ञप्ति केवल अपने चहेतों के नाम ही भेजी जा रही व प्रमुख चैनलों में अपने चहेतों को योजनापूर्वक भेजा जा रहा है | पार्टी के पेड वर्कर हमसे ज्यादा शक्तिशाली हो गए हैं | यह पीड़ा अब बार बार बताना भी अच्छा नहीं लगता |

भारतीय जनता पार्टी की इस बैठक में लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर चर्चा की गई, 11 लोकसभा सीटों के लिए पार्टी तैयारी में राखी गई इस बैठक में डॉ अनिल जैन, डॉ रमन सिंह, धरमलाल कौशिक, गौरीशंकर अग्रवाल समेत तमाम पदाधिकारी और सभी 11 लोकसभाओं के प्रभारी और संयोजको को शामिल होना था, लेकिन बैठक में बृजमोहन अग्रवाल, ननकीराम कंवर, सरोज पांडे, रामविचार नेताम,  प्रेम प्रकाश पांडे, अमर अग्रवाल का बैठक में शामिल नहीं होने को नाराज़गी से जोड़कर देखा जा रहा है |

नेता प्रतिपक्ष और पार्टी अध्यक्ष दोनों पद धरमलाल कौशिक को देने के बाद से वरिष्ठ नेता कहने लगे हैं कि अब यह लोकसभा चुनाव खुद जीता लें । पार्टी का एक खेमा भाजपा द्वारा बनाई गई क्लस्टर व्यवस्था पर भी सवाल उठा चुका है । जिन लोगों को जनता ने नकार दिया उन्हीं लोगों को फिर से जवाबदारी सौंपी गई ।

भाजपाई कहते हैं कि अब तो कहीं भी शिकायत करने का कोई औचित्य नहीं है । कहा यह भी जा रहा है कि जब डॉ रमन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष धरम कौशिक और प्रदेश प्रभारी अनिल जैन जिम्मेदार है तो फिर संगठन मंत्री पवन साय और 15 साल से प्रदेश की कमान संभालने वाले राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री सौदान सिंह जिम्मेदार क्यों नहीं है । पार्टी के नेता और कार्यकर्ता जानते हैं कि सारा सिस्टम सौदान सिंह के इर्द-गिर्द घूम रहा है । डॉक्टर रमन ने यदि खुलकर अपनी जिम्मेदारी स्वीकार की है तो फिर सौदान सिंह से भी लोग यह अपेक्षा क्यों नहीं करते । पार्टी में अभी भी सौदान सिंह के लोगों की सक्रियता चर्चा का विषय रहती है । सबसे पहले सरगुजा में सौदान सिंह को लेकर तो नेताओं का वार्तालाप वायरल हुआ था । इसके बाद से यह चर्चा आम थी कि रायपुर में भी भाजपा कार्यालय से लेकर प्रमुख स्थानों पर सौदान सिंह के एक-एक व्यक्ति तैनात है । छत्तीसगढ़ के लोगों से तो केवल मजदूरी कराई जा रही है । ऐसे में सबसे पहले जिम्मेदारी सौदान सिंह को लेनी चाहिए लेकिन भाजपाई अभी भी कार्रवाई से डर रहे हैं । पार्टी में मंत्रियों को टिकट देने के मामले में बार-बार सलाह देने के बाद भी सौदान सिंह व पवन साय जैसे नेताओं ने मंत्रियों की पैरवी की और इसका नतीजा सामने है ।

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