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भूपेश सरकार दे सकती है चार नए जिलों और दो नए संभाग की सौगात…..पेंड्रा, मोहला मानपुर, भानुप्रतापपुर और सारंगढ़ बनेंगे नए जिले, कांकेर और राजनांदगांव बनेंगे नए संभाग….26 जनवरी को घोषणा की संभावना

छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रदेश वासियों को कई सौगातें दे सकती है, 26 जनवरी को प्रदेश में चार नए जिलों और एक नए संभाग की घोषणा सरकार द्वारा किया जा सकता है, नए जिलों के सृजन की फाइल खुल गई है, नए जिलों के गठन के बाद प्रदेश में जिलों की संख्या 27 से बढ़कर 31 हो जाएगी । वर्ष 2000 में मध्यप्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ बना तब यहां जिलों की संख्या 16 थी । तत्कालीन मध्यप्रदेश सरकार ने 1998 में छत्तीसगढ़ में आठ नए जिले बनाए थे । उससे पहले यहां सिर्फ आठ जिले ही थे ।
भूपेश कैबिनेट की आज होने वाली बैठक का काफी अहम् बैठक माना जा रहा है, भूपेश सरकार नए जिले और एक नया संभाग को लेकर बैठक में फैसला ले सकती है | छत्तीसगढ़ के गठन के बाद पहली बार 11 मई 2007 को बस्तर संभाग में नारायणपुर और बीजापुर जिले बनाए गए, इसके बाद जिलों की संख्या 18 हुई, एक जनवरी 2012 को छत्तीसगढ़ सरकार ने बालोद, बेमेतरा, मुंगेली, बलौदाबाजार, गरियाबंद, कोंडागांव, सुकमा, बलरामपुर और सूरजपुर कुल 9 नए जिलों का गठन किया, अभी प्रदेश में कुल 27 जिले हैं |

प्रशासनिक हलकों में जिन चार नए जिलों का प्रस्ताव बना है उनमें बिलासपुर से अलग कर पेंड्रा-मरवाही , राजनांदगांव से काटकर मोहला मानपुर, कांकेर से अलग भानुप्रतापपुर, रायगढ़ से अलग करके सारंगढ़ का नाम शामिल है | इसी तरह से राजनांदगांव और कांकेर को अलग संभाग भी बनाया जा सकता है, इसमें कांकेर को अलग संभाग बनाकर बालोद, कोंडागांव और भानुप्रतापपुर जिलों को जोड़ा जा सकता है. दुर्ग संभाग से राजनांदगांव को अलग कर इसमें मोहला मानपुर और कवर्धा जिलों को शामिल किया जा सकता है | प्रशासनिक हलकों में जिला और संभाग को लेकर कवायद टेक्सी से चल रही है |

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