देश - विदेश

राजनीति के धुर-विरोधी भूपेश बघेल और अजीत जोगी के बीच हुई मुलाक़ात, अजीत जोगी ने बुके देकर भूपेश को दी बधाई, तो अमित ने छुए भूपेश के पैर….महज 3 मिनट के मुलाकात से प्रदेश की राजनीति गरमाई, JCCJ सुप्रीमों अजीत जोगी ने की पेंड्रा को जिला बनाने की मांग

साल 2018 का आखिरी दिन प्रदेश की राजनीति के लिए इतिहास गढ़ने वाला दिन बन गया, राजनीतिक नजरिये से तो यह दिन यादगार बन गया |  प्रदेश की राजनीति में एक दूसरे के धुर- विरोधी माने जाने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी ने आज बिलासपुर के छत्तीसगढ़ भवन एक-दूसरे से मुलाकात कर राजनीतिक गलियारे में हड़कंप मचा दिया है | अजित जोगी, रेणू जोगी, अमित जोगी, धर्मजीत सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात कर जहां उन्हें बधाई दी, साथ ही जोगी ने मुख्यमंत्री से गौरेला,पेंड्रा और मरवाही को जिला बनाने की मांग |

अजीत जोगी ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि भूपेश बघेल मुख्यमंत्री हैं, तो क्षेत्र के काम के लिए भी उन्हीं से कहना पड़ेगा | आज भूपेश बघेल से मुलाकात करके हमने बिलासपुर से 170 किमी दूर पेंड्रा, गौरेला पर मरवाही को जिला बनाने की मांग की है, मुख्यालय दूर होने की वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है | उन्होंने कांग्रेस प्रवेश के सवाल पर कहा कि इस जन्म में यह तो असंभव है, असंभव से भी कोई कठिन शब्द हो तो वह उपयोग कर लेता, इसकी वजह हमने क्षेत्रीय पार्टी बना ली है, जो छत्तीसगढ़ के विकास के लिए हमेशा आवाज उठाते रहेगी | जोगी ने कहा कि भूपेश बघेल और अजीत जोगी राजीनति के मैदान में धुर- विरोधी माने जाते हैं, धुर- विरोधी  रहे भी हैं, अभी भी हैं और भविष्य में भी रहेंगे | इसमें कोई सम्बन्ध सुधारने वाली बात नहीं है |

छत्तीसगढ़ भवन में महज 3 मिनट के मुलाकात के दौरान अजीत जोगी ने भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री बनने कि बधाई दी, भूपेश ने रेणू जोगी का अभिवादन किया, साथ ही धर्मजीत सिंह को विपक्ष का नेता बनने कि बधाई दी | वही अमित जोगी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का पेअर छूकर अभिवादन किया |

बता दें कि सीएम भूपेश बघेल और पूर्व सीएम अजित जोगी काफी लम्बे समय से एक दूसरे पर हमला बोलते आ रहे है, अजित जोगी और अमित जोगी को कांग्रेस पार्टी से बाहर करने में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अहम् भूमिका रही है, उन्होंने अंतागढ़ टेप कांड मामले में अजित जोगी और अमित जोगी के नाम आने के बाद अमित जोगी को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया था । उस दौरान अमित जोगी मरवाही विधायक थे | इसके बाद भूपेश और अजित एक दूसरे के धुर विरोधी बन गए | भूपेश बघेल जोगी पर पार्टी विरोधी कार्य करने का लगातार हमला बोलते रहे और जोगी को बीजेपी के बी पार्टी भी मानते थे |

मुख्यमंत्री बनने के बाद भूपेश बघेल ने एक समाचार चैनल के इंटरव्यू में अजित जोगी को लेकर कहा था कि मैं सौभाग्यशाली हूं जो  मेरे कार्यकाल में जोगी पार्टी से बाहर है, इसके साथ ही उन्होंने अपने पुराने अंदाज में जोगी पर हमला बोलते हुए कहा था कि अगर जोगी पार्टी में होते तो इस बार भी पिछले चुनाव जैसे हार का सामना करना पड़ता, आज जोगी पार्टी में नहीं है इसलिए कांग्रेस को पूर्ण बहुमत के साथ जीत मिली है | अजित जोगी पार्टी में रहकर हमेशा पार्टी विरोधी काम करते थे |

इसलिए बने धुर विरोधी
साल 2014 में अंतागढ़ विधानसभा उपचुनाव के दौरान एक ऑडियो टेप जारी हुआ था, जिसमें नाम वापसी को लेकर सौदेबाजी की गई थी | उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार भोजराज नाग को कथित तौर पर जिताने के लिए कांग्रेस उम्मीदवार मंतूराम पवार ने अंतिम क्षण में अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली थी। इसके लिए मंतूराम के साथ कथित तौर पर आर्थिक सौदेबाजी की गई थी।  इस ऑडियो टेप में अजित जोगी और अमित जोगी का नाम भी सामने आया था, जिसके बाद कांग्रेस पार्टी ने इस पर एक्शन लेते हुए अमित जोगी को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था ।

Back to top button
close