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छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल में डॉक्टर, इंजीनियर के साथ बिना पढ़े लिखे मंत्री भी है शामिल, जानिए कितने पढ़े लिखे है आपके मंत्री

किसी भी राज्य की प्रगति के लिए उस राज्य का नेतृत्व करने वाले नेता और मंत्री की शिक्षा काफी मायने रखती है | एक शिक्षित मंत्री अपनी शिक्षा और अनुभव से राज्य के विकास और जनकल्याण के लिए विभिन्न योजना तैयार करता है | जो उस राज्य की दिशा और दशा दोनों तय करती है |

छत्तीसगढ़ प्रदेश के मुख्यमंत्री के अलावा राज्य मंत्रिमंडल के कुछ नेता ऐसे है, जिन्होंने उच्च शिक्षा हासिल किया है | वही भूपेश मंत्रिमंडल में कुछ मंत्री ऐसे है जिनकी शिक्षा हायर सेकेंडरी तक की है | वही मंत्रिमंडल में बिना पढ़े लिखे विधायक को भी शामिल किया है | हालंकि अभी तक इन मंत्रियों का विभागीय प्रभार तय नहीं किया गया है |

 

 

प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एम ए तक की पढ़ाई की है। पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय से उन्होंने ग्रेजुएशन की पढ़ाई की है। छत्तीसगढ़ अलग राज्य बनने के बाद उन्होंने पाटन सीट से विधानसभा चुनाव लड़े और विधानसभा पहुंचे। इस दौरान बघेल कैबिनेट मंत्री बने। सरकार में राजस्व, लोक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग और राहत कार्य के तौर पर मंत्री रह चुके है |

सरगुजा के राजघराने से ताल्लुक़ रखने वाले त्रिभुवनेश्वर सिंह देव जिन्हें राजा साहब कहकर संबोधित किया जाता है | टीएस सिंह देव ने बीए करने के बाद  इतिहास में एम.ए. तो भोपाल यूनिवर्सिटी के हमीदिया कॉलेज से हिंदी विषय में एमए की डिग्री हासिल की है। इससे पहले देव ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज से बीए किया था।

दुर्ग ग्रामीण विधायक ताम्रध्वज साहू पूर्व मंत्री रहने के साथ ही दुर्ग लोकसभा के सांसद रह चुके है, अभी उन्होंने हाल ही में मंत्री बनने के बाद सांसद पद से अपना इस्तीफा दिया है, मंत्री ताम्रध्वज साहू ने सरकारी बहुउद्देश्यीय एचएसएसए दुर्ग, छत्तीसगढ़ में अपनी उच्चतर माध्यमिक शिक्षा पूरी की।


भूपेश मंत्री मंडल में शामिल मो. अकबर को सर्वश्रेष्ठ विधायक का अवार्ड मिल चूका है, छत्तीसगढ़ विधानसभा का इकलौता मुस्लिम विधायक जिसने चुनाव में सबसे ज्यादा मतों से जीत हासिल किया है, दो बार से विधायक चुने गए मो. अकबर जोगी सरकार में मंत्री रह चुके है |

भूपेश मंत्रिमंडल में शामिल साजा विधायक रविंद्र चौबे को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल सकती है, वे विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष रह चुके है, कॉलेज,यूनिवर्सिटी में अध्यक्ष रह चुके है | रविंद्र चौबे ने बीएससी, एलएलबी में उच्चा शिक्षा हासिल किया है |
भूपेश सरकार के मंत्रिमंडल में अनिला भेड़िया को शामिल किया है। डौंडी लोहारा विधायक अनिला भेड़िया महिलाओं के साथ आदिवासी वर्ग का भी प्रतिनिधित्व करती है। मंत्री अनिला ने रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर स्नातकोत्तर तक पढाई की है |
छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल में शामिल शिव डहरिया वर्तमान में कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हैं और सतनामी समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं, इस बार डहरिया सीट बदलकर आरंग से चुनाव जीते हैं | मंत्री डहरिया ने शास. आयुर्वेदिक महा. रायपुर से बीएएमएस किया है |
उमेश पटेल भूपेश केबिनेट के सबसे कम उम्र के मंत्री है, झीरम घाटी हमले में उनकी मौत के बाद उमेश ने कार्पोरेट कंपनी की बड़ी नौकरी छोड़कर राजनीतिक विरासत संभाली। उमेश ने आईटी में इंजीनियरिंग की डिग्री ली है। उमेश ने खरसिया विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के प्रतिद्वंदी ओमप्रकाश चौधरी को हराया था |
डॉ प्रेमसाय सिंह पहले भी मंत्री रह चुके है, और वे सरगुजा का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी व गृहमंत्री रामसेवक पैकरा को 14 हजार 300 मतों से हराया था | डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम शास. आयुर्वेदिक महाविद्यालय रायपुर से बीएएमएस की पढ़ाई की है |
सतनामी समाज के धर्म गुरु परिवार से ताल्लुक रखते हैं। अहिवारा सीट से दूसरी बार के विधायक। प्रदेश में जातिकरण समीकरण को देखते हुए रूद्र गुरु को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है | इन्होंने रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर से बीए में स्नातक किया है |

प्रदेश में ऐसा पहली बार हुआ है जब पति मंत्री और पत्नि महापौर हो मंत्री जयसिंह अग्रवाल की पत्नि रेनू अग्रवाल कोरबा की महापौर है,  इंदिरा गांधी एवं राजीव गांधी से प्रभावित होकर राजनीति में आने वाले जयसिंह अग्रवाल कोरबा से तीन बार के विधायक है | जयसिंह ने बीए में सिर्फ प्रथम वर्ष तक ही पढ़ाई की है |

छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्रिमंडल में कवासी लखमा ऐसे मंत्री है जिन्होंने कोई पढ़ाई लिखाई नहीं की, कवासी लखमा कोंटा सीट से लगातार पांचवी बार विधायक बने हैं। बस्तर से आदिवासी प्रतिनिधित्व करने के कारण कवासी लखमा को  मंत्री बनाया गया।

 

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