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OP रावत का बड़ा बयान, बोले – चुनाव में पैसों का दुरुपयोग, नोटबंदी से नहीं पड़ा फर्क…राजनेताओं और उनके फाइनेंसरों के पास पैसों की कोई कमी

पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने नोटबंदी को लेकर बड़ा बयान दिया है। ओपी रावत ने कहा कि नोटबंदी के ऐलान के बाद ऐसा लगा था कि चुनाव में इस्तेमाल होने वाले पैसे का गलत इस्तेमाल बंद होगा। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ । उन्होंने दावा किया कि नोटबंदी के बाद हुए चुनावों में भी पहले की तुलना से अधिक पैसे जब्त किए गए थे ।
उन्होंने दावा किया कि नोटबंदी के बाद हुए चुनावों में भी पहले की तुलना से अधिक पैसे जब्त किए गए थे, ओपी रावत बोले कि ऐसा लगता है कि राजनेताओं और उनके फाइनेंसरों के पास पैसों की कोई कमी नहीं है, चुनाव में इस प्रकार इस्तेमाल किया जाने वाला पैसा अधिकतम काला धन ही होता है |
ओपी रावत बोले कि ऐसा लगता है कि राजनेताओं और उनके फाइनेंसरों के पास पैसों की कोई कमी नहीं है। चुनाव में इस प्रकार इस्तेमाल किया जाने वाला पैसा अधिकतम काला धन ही होता है। पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि जहां तक चुनाव में कालेधन के इस्तेमाल की बात है, इसकी कोई जांच नहीं हो पाई है ।
आपको बता दें कि 1 दिसंबर को ओपी रावत मुख्य चुनाव आयुक्त के पद से रिटायर हो गए हैं। उनकी जगह सुनील अरोड़ा नए चुनाव आयुक्त बने हैं। आपको बता दें कि 8 नवंबर, 2016 को केंद्र सरकार द्वारा नोटबंदी का ऐलान किया गया था। इसके तहत 500-1000 के नोट बंद किए गए थे। इस दौरान दावा किया गया था कि ऐसा करने से जाली नोट, काला धन और आतंकवाद पर रोक लगेगी ।

गौरतलब है कि ओपी रावत के कार्यकाल में त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव हुए, इस दौरान कई जगह उपचुनाव भी हुए |

आपको बता दें कि 8 नवंबर, 2016 को केंद्र सरकार द्वारा नोटबंदी का ऐलान किया गया था, इसके तहत 500-1000 के नोट बंद किए गए थे. इस दौरान दावा किया गया था कि ऐसा करने से जाली नोट, काला धन और आतंकवाद पर रोक लगेगी |

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