देश - विदेश

SC ने पूछा – CBI चीफ घूस लेते पकड़े जाते हैं तो क्या हटाने के लिए कमेटी से पूछना होगा….आलोक वर्मा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, दोपहर बाद आ सकता है बड़ा फैसला

सुप्रीम कोर्ट में आज सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा की याचिका पर सुनवाई शुरू हो गई है, सुनवाई के दौरान जस्टिस के एम जोसफ ने फली नरीमन से पूछा कि अगर CBI निदेशक रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े जाएं तो क्या तब भी उसे हटाने से पहले कमेटी से पूछना होगा, इस पर आलोक वर्मा के वकील फली नरीमन ने दलील दी कि उन्हें फौरन कमेटी में जाना चाहिए | अभी कोर्ट में लंच हो गया है, लंच के बाद इस मामले में आज बड़ा फैसला आने की उम्मीद है |

बता दें कि राकेश अस्थाना ने सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा पर आरोपी को बचाने के लिए दो करोड़ रुपये की घूस लेने का आरोप लगाया था, दोनों अफसरों के बीच मचा घमासान सार्वजनिक हो गया तो केंद्र सरकार ने दोनों अधिकारियों को छुट्टी पर भेज दिया था. साथ ही अस्थाना के ख‍िलाफ जांच कर रहे 13 सीबीआई अफसरों का भी तबादला कर दिया गया था |

सुनवाई के दौरान नरीमन ने कहा कि सीबीआई निदेशक का दो साल का तय कार्यकाल होता है, उससे पहले ट्रांसफर भी नहीं किया जा सकता, लेकिन बिना नियुक्ति पैनल को जानकारी दिए निदेशक को छुट्टी पर भेज दिया गया था, मकसद उन्हें काम करने से रोकना था, वही कॉमन कॉज के वकील दुष्यंत दवे ने नागेश्वर राव की नियुक्ति और उनके फैसलों पर दलील रखनी चाही. जिसपर कोर्ट ने कहा कि अभी मूल मुद्दे पर दलीलें दीजिए |

आज चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस के एम जोसेफ की पीठ आलोक वर्मा के सील बंद लिफाफे में दिये गये जवाब पर विचार कर सकती है | पीठ द्वारा जांच एजेंसी के कार्यवाहक निदेशक एम नागेश्वर राव की रिपोर्ट पर भी विचार किए जाने की संभावना है. नागेश्वर राव ने 23 से 26 अक्टूबर के दौरान उनके द्वारा लिए गए फैसलों के बारे में सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट दाखिल की है |

 

Back to top button
close