द बाबूस न्यूज़

2006 बैच के इस निलंबित IAS को मोदी सरकार ने किया बहाल, 400 करोड़ रुपये के घोटाले का है आरोप, जानिए क्या है पूरा मामला

डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी राधा रतूड़ी ने सस्पेंड चल रहे आईएएस आधिकारी चंद्रेश के यादव को बहाल करने का आदेश जारी किया है। चंद्रेश का नेशनल हाइवे 74 के लैंड स्कैम में नाम आने के बाद सस्पेंड कर दिया गया था ।

प्रस्तावित एनएच 74 के लिए भूमि अधिग्रहण में साल 2011 से 2016 के बीच 300 करोड़ रुपए की अनियमितताएं सामने आई थीं । निलंबित चल रहे आईएएस अधिकारी ने अपनी बहाली के लिए राज्य सरकार को एक अनुरोध पत्र भेजा था । इसके पीछे उन्होंने तर्क दिया था कि भारतीय सेवा नियमावली के प्रावधान के मुताबिक किसी भी आईएएस अधिकारी को राज्य सरकार 30 दिन से ज्यादा वक्त के लिए सस्पेंड नहीं रख सकती है।

निलंबन एक माह से आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार को इसकी वजह बताते हुए केंद्र से मंजूरी लेनी होगी । चंद्रेश का कहना है कि 30 दिन की अवधि पूरी हो चुकी है और राज्य ने निलंबन बढ़ाने के लिए केंद्र को कुछ नहीं लिखा है।


उत्तराखंड में करीब 400 करोड़ के महाघोटाले में सरकार पांच पीसीएस अफसरों समेत 22 लोगों पर कार्रवाई कर चुकी है। एनएच 74 मुआवजा घोटाले की जांच में पीसीएस अफसरों समेत 22 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इनमें दो नायब तहसीलदार, राजस्व विभाग के कर्मचारी और किसान व बिचौलिए शामिल हैं। मामले में एक एसडीएम और तहसीलदार जेल में हैं।

बता दें कि मुआवजा घोटाले में एसआइटी की रिपोर्ट के आधार पर शासन ने तत्कालीन डीएम डा. पंकज पांडे व चंद्रेश यादव को निलंबित कर दिया था । इसके बाद डा. पांडे ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अंतरिम जमानत के लिए अर्जी दी । आपको बता दें कि जिला जज एवं विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण नरेंद्र दत्त की कोर्ट ने एनएच-74 मुआवजा घोटाला मामले में निलंबित चल रहे आईएएस डा. पंकज कुमार पांडे की अंतरिम जमानत अर्जी पर अगली सुनवाई के लिए 28 नवंबर की तारीख तय की थी ।

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