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कांग्रेस के कर्ज माफी वायदे पर धान नहीं बेच रहे हैं किसान, कांग्रेस की घोषणा पत्र से किसानों को उम्मीदें, सूने नज़र आ रहे हैं धान खरीदी केंद्र

कांग्रेस का किसान कर्ज माफ वाला जादुई छड़ी शायद चल चूका है, इसका असर धान मंडी केन्द्रो में साफ नजर आ रहा है, पखवाड़े भर पहले से प्रदेश में धान खरीदी शुरू होने के बावजूद भी धान मंडिया खाली है, एक दो किसान ही मंडियों में धान लेकर पहुंच रहे है, जबकि आधे से ज्यादा किसान नए सरकार का इंतजार कर रहे है, ताकि उनका कर्ज माफ होने के साथ ही अधिक दाम में धान बेंच सके, साथ ही दो साल का बोनस भी मिल जाए |

बता दें कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में दावा किया है कि इस बार छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के सरकार बनते ही दस दिनों के भीतर किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा और 2500 रूपए के समर्थन मूल्य में धान की खरीदी की जाएगी, किसान अब इसी वादे के साथ प्रदेश में नए सरकार आने की उम्मीद लगाए बैठे, शायद ऐसा पहली बार हो जब धान खरीदी शुरू होने के बाद भी किसान धान नहीं बेच रहे है |

धान खरीदी केंद्र के अधिकारीयों का कहना है कि ऐसा बहुत ही कम बार देखने को मिलता है जब धान खरीदी शुरू होने के बावजूद भी मंडियों में धान नहीं आ रहा है, नहीं तो किसान पहले से ही टोकन ले लेते है, मंडी में जगह नहीं होने के कारण किसान अपनी धान मंडी के बहार छोड़कर चले जाते थे, और अपनी बारी का इंतजार करते थे |

किसानों को नए सरकार बनने की उम्मीद

प्रदेश में 1 नवम्बर से धान खरीदी शुरू होने के बावजूद भी अभी तक मंडियों में धान नहीं पहुंचना यह इस बात को दर्शाता है कि किसान समझ चुके है कि इस बार प्रदेश में परिवर्तन हो रही है, इसलिए किसान इंतज़ार कर रहे है अगर कांग्रेस की सरकार बनती है और दस दिन में उसका कर्ज माफ हो जाता है तो धान की फसल बेचने में कुछ दिन का क्यों न इंतजार कर लिया जाए, शायद इसलिए धान खरीदी केंद्र सूने नजर आ रहा है |

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