चुनाव

दिलचस्प हो गई तखतपुर की जंग….संतोष ने बिगाड़ा गणित, त्रिकोणीय संघर्ष में आगे निकलने तीनों बेताब

जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है प्रत्याशियों की धड़कने तेज हो रही हैं ।जहां सीधी टक्कर है वहां तो मामला आमने सामने का है लेकिन जहां संघर्ष त्रिकोणीय है वहां चुनावी तस्वीर देखने लायक है । लोग गौर से देख रहे हैं कि पलड़ा किस ओर झुकता है । जिले में बेलतरा और तखतपुर ऐसी सीट है जहां त्रिकोणीय संघर्ष छिड़ा हुआ है । बेलतरा में जोगी कांग्रेस के मजबूत कैंडिडेट अनिल टाह मैदान में हैं । पिछले 6 महीने से लगातार सक्रिय अनिल टाह ने यहां दोनों दलों का गणित बिगाड़ दिया है । अनिल टाह की सक्रियता के आगे भाजपा कांग्रेस दोनों अपना वोट बैंक संभालने की कोशिश में लगी हैं। भाजपा ने यहां जिला भाजपा अध्यक्ष रजनीश सिंह को टिकट दी है । रजनीश संगठन के नेता जरूर रहे हैं लेकिन वह जमीनी तैयारी में बाकी दावेदारों से कमतर रहे हैं, लिहाजा टिकट की घोषणा के बाद भी चुनावी माहौल पैदा कर पाना मुश्किल हो रहा है ।

अब स्थिति यह है कि भाजपा अपने परंपरागत वोट बैंक को साधने की कोशिश में व्यस्त है । पर सबसे बड़ी समस्या ब्राह्मण वोट बैंक को हासिल करने की है जो इस बार नाराज दिख रहा है ।  इस वोट बैंक के फैसले पर चुनाव का निर्णय प्रभावित हो सकता है ।दूसरी ओर कांग्रेस ने भी अंतिम समय में प्रत्याशी की घोषणा की है। राजेंद्र साहू आमतौर पर दावेदारों की कतार में नहीं थे जो दावेदार जमीनी काम कर रहे थे वह सारे खारिज हुए और राजेंद्र साहू को अंतिम समय में प्रत्याशी घोषित किया गया । अब स्थिति यह है कि त्रिलोक श्रीवास, बसंत शर्मा, अजय सिंह, चंद्र प्रकाश बाजपेई ,अरुण तिवारी भुनेश्वर यादव, राजू यादव, रमेश कौशिक जैसे नेता कांग्रेस का झंडा लेकर निकलने में संकोच कर रहे हैं ।

जाहिर है यह स्थिति कांग्रेस को पीछे धकेल सकती है । राजेंद्र साहू को अपने जातिगत वोटों पर भरोसा है जो आमतौर पर भाजपा के वोटर बताए जाते हैं। ऐसी स्थिति में यहां का त्रिकोणीय संघर्ष जबरदस्त हो सकता है।यह तय है कि जीत का फैसला बहुत कम मतों से होगा ।

 

तखतपुर में भी है जबरदस्त जंग…

तखतपुर विधानसभा क्षेत्र में इस बार दिलचस्प जंग छिड़ी हुई है । दो पुराने सियासी परिवारों की बेटियों ने जंग को कांटे की बना दिया है । इनके बीच पुराने प्रत्याशी संतोष कौशिक चुनावी फिजा को बदलने की कोशिश में हैं । भाजपा ने यहां महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष हर्षिता पांडे को प्रत्याशी बनाया है । हर्षिता पांडे पूर्व मंत्री व पूर्व सांसद स्वर्गीय मनहरण लाल पांडे की बेटी हैं । मनहरण लाल पांडे का नाम इस इलाके में जाना पहचाना है आज भी उस पीढ़ी के तमाम लोग मौजूद हैं जो स्वर्गीय पांडे के नाम पर हर्षिता को वोट दे सकते हैं । हर्षिता क्षेत्र में सक्रिय रही हैं, इसलिए उन्हें पहचान का संकट भी नहीं है । दूसरी ओर पूर्व विधायक स्वर्गीय रोहिणी कुमार बाजपेई की बेटी और पूर्व विधायक बलराम सिंह ठाकुर की बहू रश्मि सिंह कांग्रेस से मैदान में है। उनके पति आशीष सिंह पिछले चुनाव में 600 वोट पराजित होकर विजय से चूक गए थे । इस बार उनकी पत्नी को टिकट देकर पार्टी ने मुकाबला दिलचस्प बनाया है । इन दोनों दलों के बीच जोगी कांग्रेस के प्रत्याशी संतोष कौशिक की मौजूदगी महत्वपूर्ण है । संतोष कौशिक ने पिछले दिनों सकरी क्षेत्र के बड़े नेताओं को कांग्रेस से तोड़कर अपने पाले में लाकर बड़ा धमाका किया है । इसके बाद से कांग्रेस डैमेज कंट्रोल में लगी हुई है । पिछले चुनाव में 20 हजार से ज्यादा वोट के साथ संतोष कौशिक ने अपनी प्रभावशाली मौजूदगी दर्ज कराई थी । इस बार वह जोगी कांग्रेस और बसपा गठबंधन के उम्मीदवार हैं । ऐसे में उन्हें बसपा और जोगी कांग्रेस दोनों के वोट मिलेंगे जो आमतौर पर कांग्रेस के वोट माने जाते हैं । अब जैसे-जैसे संतोष कौशिक की ताकत बढ़ रही है कांग्रेस की धड़कनें तेज हो रही हैं । यदि संतोष कौशिक इसी रफ्तार से बढ़ते गए तो कांग्रेस का सपना चूर-चूर हो सकता है । दूसरी तरफ भाजपा को डर है कि उसके ओबीसी वोट बैंक का हिस्सा ना खिसक जाए । अब तीनों दल पूरी ताकत से फील्ड में सक्रिय नजर आ रहे हैं । 20 तारीख को मतदान के बाद ही पता चलेगा कि तीनों अपना वोट बैंक बचाने में कामयाब हुए अथवा नहीं ।

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