चुनाव

स्टार प्रचारक स्थानीय मुद्दों को छोड़कर लगे है आपसी खींचतान में, स्थानीय मुद्दे भाषण से गायब

छत्तीसगढ़ में दूसरे चरण के विधानसभा चुनाव के लिए बिसात बिछ चुकी है, अब महज चार ही दिन बाकी रह गए है 19 जिलों के 72 सीटों में मतदान होने के लिए, ऐसे में छत्तीसगढ़ में सभी दलों के राजनितिक पार्टी के स्टार प्रचारक मतदातों को रिझाने अपने पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने लगातार छत्तीसगढ़ दौरे पर आ रहे है, जहां प्रत्याशी मतदाओं तक पहुंचकर अपनी बात रख रहे है, वही स्टार प्रचारक स्थानीय मुद्दों को छोड़कर आपसी खींचतान में लगे हुए, जबकि प्रदेश की जनता शिक्षा, पलायन, रोजगार, स्थानीय मुद्दों या मांगों पर बात करने की उम्मीद लगाए बैठे है |

आरोप प्रत्यारोप पर ही केंद्रित रहे मोदी-राहुल

बीजेपी स्टार प्रचारक पीएम प्रधानमंत्री जहां स्थानीय मुद्दों की बात को छोड़कर अपनी हर सभा में राहुल गांधी के उपर हमला करते आ रहे है, बीजेपी सरकार की उपलब्धि और पुराने सरकार कांग्रेस की नाकामी बता रहे है, वही राहुल गांधी भी स्थानीय मुद्दों को छोड़कर रमन सिंह और मोदी सरकार पर राफेल घोटाला, नोटबंदी, चिटफंड घोटाला, पैनामा पेपर, जैसे मुद्दों पर लगातार आरोप करते आ रहे है, जबकि छत्तीसगढ़ की स्थानीय मुद्दे शिक्षा, रोजगार, नक्सली, पालयन जैसे गंभीर मुद्दों पर कोई बात ही नहीं कर रहे है |  दोनों की बीच आपस में आरोप- प्रत्यारोप से स्थानीय मुद्दे कहीं खो गए है |

ये है छत्तीसगढ़ के प्रमुख मुद्दे

पलायन

रमन सरकार भले ही कितने विकास की बात करते आ रहे है, लेकिन आज भी जमीनी स्तर पर विकास नहीं हुआ है, और यही कारण  है की आज भी प्रदेश में उचित रोजगार नहीं मिलने के कारण प्रदेश के अधिकांश इलाकों के लोग आज दूसरे राज्य में पलायन कर रहे है, एक आकड़े के अनुसार राज्य में एक लाख के करीब पलायन को मजबूर हुए है, आकड़े इससे ज्यादा भी हो सकते है, प्रदेश के जांजगीर चांपा, बिलासपुर, रायगढ़, दुर्ग, इसके साथ ही प्रदेश के कई क्षेत्रों के लोग जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, पुणे, उत्तरप्रदेश, पंजाब, हरियाणा जैसे राज्यों में पलायन कर रहे है, धान धन्य, खनिज सम्पदा से परिपूर्ण धान के कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ के लोग दर दर भटक रहे है | पलायन करने वालों  में सबसे ज्यादा जांजगीर चांपा शामिल है |

शिक्षा

प्रदेश के शिक्षा व्यस्था पूरी तरह से ढप हो गया है, प्रदेश के हजारों सरकारी स्कूल बंद हो चुकी है, वही जो स्कूल है वह पर पर्याप्त शिक्षक नहीं, वही प्रदेश में आठवीं तक पास फार्मूला लागु करने से कई छात्र छात्राएं पढाई को गंभीरता से नहीं लेते, आज भी छत्तीसगढ़ गुणवत्तायुक्त स्कूली शिक्षा सहित उच्च शिक्षा व तकनीकी शिक्षा सुविधाओं का जिले में अभाव है |

कला संस्कृति, भाषा को बढ़ावा नहीं

15 साल बाद अब रमन सरकार कह रहे है कि छत्तीसगढ़ में कला संस्कृति, लोक साहित्य, बोली भाषा, और जो यहां की विशिष्ट पहचान है उसे बढ़ावा दिया जाएगा, लेकिन सच तो यह है की आज तक छत्तीसगढ़ सरकार ने छत्तीसगढ़ के कला संस्कृति, बोली- भाषा, को बढ़ावा देने के लिए कोई कार्य नहीं किया है, उपर से प्रदेश की संस्कृति को पीछा छोड़कर दूसरे प्रदेश क संस्कृति को प्रदेश में थोपा जा रहा है |

स्वास्थ्य

छत्तीसगढ़ कुपोषण, सिकलसेल एनीमिया, डेंगू  आदि जैसी गंभीर बीमारियों की चपेट में है, पिछले कुछ माह पहले डेंगू से 40 से भी अधिक लोगो की मौत हो चुकी है, सरकारी अस्पताल तो है,  लेकिन डॉक्टरों व स्टाफ की कमी के चलते  लोगो को उचित इलाज का लाभ नहीं मिल रहा है |

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