चुनाव

…अगर चुनाव के दौरान रुपए, कपड़े और शराब बांटते दिखे नेता, तो इस APP की मदद से करे शिकायत

चुनाव आयोग ने शनिवार को छत्तीसगढ़ समेत पांच राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना में होने वाले विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया है। अक्सर चुनावों के समय नेताओं की तरफ से रुपये, कपड़े और शराब बांटने की खबरें आती ही रहती हैं। चुनावी माहौल में जनता को लुभाने के लिए नेता तरह-तरह के तोहफे बांटते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा करना चुनाव के नियमों के खिलाफ है। चुनावी आचार संहिता लागू हो जाने के बाद कोई भी नेता जनता को तोहफे नहीं दे सकता है। ऐसा करने पर उस नेता को चुनाव के लिए अयोग्य भी घोषित किया जा सकता है।

बता दें कि मध्य प्रदेश में कुल 231 सीटों पर चुनाव होगा, जबकि राजस्थान में 200 सीटों पर, छत्तीसगढ़ में 91 सीटों पर, मिजोरम में 40 सीटों पर और तेलंगाना में कुल 119 सीटों पर विधानसभा चुनाव होने हैं। इन पांचों राज्यों में से तीन राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में इस वक्त भाजपा की सरकार है। छत्तीसगढ़ में पहले चरण में 18 सीटों पर 12 नवंबर को वोटिंग होगी। इसके बाद दूसरे चरण में 72 विधानसभा क्षेत्रों में 20 नवंबर को चुनाव होंगे। चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश और मिजोरम में एक ही चरण में 28 नवंबर को वोटिंग कराने का ऐलान किया है। राजस्थाना और तेलंगाना में सात दिसंबर को वोटिंग होगी। मतगणना 11 दिसंबर को होगी और उसी दिन परिणाम आ जाएंगे। इन पांच राज्यों में नवंबर-दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए चुनाव आयोग ने एक ऐप तैयार की है। C-VIGIL नाम के इस ऐप की मदद से नागरिक चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले नेताओं की शिकायत कर सकते हैं।

कैसे काम करेगा यह ऐप?

चुनाव के दौरान कोई भी नेता या पार्टी यदि शराब, कंबल, कपड़े, बर्तन, रुपये या तोहफे बांटते नजर आते हैं तो नागरिक उनकी शिकायत इस ऐप की मदद से कर सकते हैं। यह ऐप डाउनलोड करने के बाद नागरिक को अपने फोन नंबर या मेल आईडी की मदद से उसमें रजिस्टर करना होगा। नागरिक अपनी शिकायत के सबूत के तौर पर इस ऐप पर फोटो और वीडियो भी अपलोड कर सकते हैं। शिकायत के बाद नागरिक को एक ग्रीवांस नंबर दिया जाएगा जिसकी मदद से वह अपनी शिकायत के स्टेटस को भी जान सकेंगे। शिकायत अपलोड होने के बाद सी विजिल का सिस्टम अपने स्तर पर इसकी जांच करेगा। इस सिस्टम में एक बार शिकायत स्वीकृत होने पर जिला नियंत्रण कक्ष में इसकी सूचना पहुंच जाएगी। यहां से सचल दस्ते को कार्रवाई का निर्देश भेजा जाएगा।

चुनाव आयोग को क्यों जरूरत पड़ी इस ऐप की?

चुनाव आयोग के अनुसार अब तक आचार संहिता के उल्लंघन की खबरें तो देर से मिलती थी, जिस कारण दोषी सजा से बच जाते थे। इसके अतिरिक्त तस्वीरों एवं वीडियो जैसे साक्ष्यों में कमी की वजह से भी शिकायतों को साबित करने में परेशानी होती थी। आयोग की तरफ से जारी एक विज्ञप्ति में बताया गया कि जांच के बाद अधिकतर शिकायतें गलत पाई जाती थीं। आयोग के मुताबिक रियल टाइम पर शिकायत मिलने और रियल टाइम पर ही उसकी प्रोसेसिंग होने से शिकायतों के निवारण में तेजी आएगी।

गौरतलब है कि पांच राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना में नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं । चुनाव आयोग इन पांचों राज्यों में चुनाव की घोषणा कर चुका है। सी-विजिल ऐप के अतिरिक्त आयोग इन राज्यों में राष्ट्रीय शिकायत सेवा, इंटीग्रेटेड कॉन्टैक्ट सेंटर, सुविधा, सुगम, इलैक्शन मॉनीटरिंग डैशबोर्ड और वन वे इलैक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलट जैसे ऐप्स का भी उपयोग करेगा।

नवंबर 2013 में छत्तीसगढ़ में पिछला चुनाव हुआ था। इस बार दो चरणों में चुनाव कराए जाएंगे। पहले चरण का मतदान 12 नवंबर को जबकि दूसरे चरण का मतदान 20 नवंबर को होगा। 11 दिसंबर को दूसरे राज्यों के साथ ही यहां के भी नतीजे घोषित किए जाएंगे। आपको बता दें कि यहां 27 जिलों में विधानसभा की कुल सीटें 90+1 सीटें हैं, जिसमें से 90 पर चुनाव होता है, वहीं एक एंग्लो-इंडियन मनोनीत होता है। इस समय राज्य में बीजेपी सत्ता में है और डॉ. रमन सिंह मुख्यमंत्री हैं । वहीं, छत्तीसगढ़ से भी बीजेपी के लिए राहत की खबर नहीं है। वहां भी सत्ता में काबिज बीजेपी से आगे कांग्रेस नजर आ रही है। छत्तीसगढ़ के लिए ABP न्यूज़-सी-वोटर के ओपिनियन पोल के मुताबिक, बीजेपी को जहां 40 सीटें मिलती नजर आ रही हैं, वहीं कांग्रेस 47 सीटों पर बीजेपी से आगे निकलती दिख रही है । साथ ही अन्य के खात में 3 सीटें जाने की संभावना है। बता दें कि छत्तीसगढ़ में कुल 90 सीटें हैं।

छत्तीसगढ़ में वोट फीसदी : किसे कितने वोट

बीजेपी- 38.6%
कांग्रेस- 38.9%
अन्य- 22.5%

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