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चौधरी को लेकर भाजपा में खींचतान शुरू!….स्वागत को लेकर उभरी गुटबाजी, विधायक और संगठन खेमा आमने-सामने

दिनेश मिश्र/रायगढ़. पूर्व कलेक्टर व भाजपा नेता ओपी चौधरी को अपने नियंत्रण में लेने के लिए जिला भाजपा में खींचतान आरम्भ हो गई है । उनके प्रथम आगमन पर उनके स्वागत को लेकर रायगढ़ विधायक सह प्रदेश महामंत्री गुट एवं संगठन गुट के आमने-सामने आ जाने की खबर है । बताया जाता है कि रायगढ़ विधायक खेमें के समर्थकों ने चौधरी के भाजपा प्रवेश का पूरा श्रेय विधायक को देते हुए सोशल मीडिया में अभियान चालू कर दिया था ताकि रायगढ़ विधानसभा में इसका लाभ लिया जा सके । इससे पार्टी के भीतर नाराजगी उभरने लगी थी । भीतर- भीतर चल रही यह खींचतान उस वक्त सतह पर आ गई जब इस खेमें के समर्थकों ने सोशल मीडिया में यह सूचना डाल दी कि “चौधरी का प्रथम आगमन प्रदेश महामंत्री गिरधर गुप्ता की अगुवाई में हो रहा है” इस सूचना के सामने आते ही रायगढ़ से लेकर रायपुर तक फोन की घंटियां घनघना उठी और आनन-फानन में पूरे कार्यक्रम की रूपरेखा को अंतिम रूप देकर जिला भाजपाध्यक्ष के मार्फ़त दूसरी सूचना प्रकाशित करवाई गई । इस नई सूचना में गिरधर गुप्ता का नाम विलोपित कर दिया गया है ।
वास्तव में विधायक खेमा जिसके एक सहयोगी सदस्य प्रदेश महामंत्री भी हैं, का जिले की राजनीति में एकतरफा वर्चस्व कायम हो गया है। इसके कारण जिला भाजपा संगठन सहित शेष सभी लोग हाशिये पर चले गए हैं । प्रायः प्रत्येक शासकीय व राजनैतिक कार्यक्रम में उपेक्षित संगठन खेमा विष्णुदेव साय अथवा प्रदेश प्रभारी शिवरतन शर्मा की शरण में जाकर अपने लिए उचित स्थान की गुहार लगाता रहता है । इस बार भी यही कहानी दोहराई जा रही है ।

ओपी चौधरी को चेंपने का यही खेल आगे जाकर खरसिया विधानसभा में भाजपा की कढ़ी बिगाड़ सकता है।
ओपी चौधरी को यह सिद्ध करना होगा कि वे पूँजीपति चौकड़ी के गिरफ्त में रहकर राजनीति नहीं करेंगे वरन वे नन्दकुमार पटेल व उमेश पटेल की तरह इन ताकतों से सीधा लोहा लेकर क्षेत्र की जनता को इनके आततायी चुंगल से मुक्त करने आये हैं अन्यथा वे इस क्षेत्र की आम जनता का विश्वास हासिल नहीं कर पायेंगे। भाजपा का प्रदेश नेतृत्व भी यदि समय रहते इस तरह की गतिविधियों पर अंकुश नहीं लगायेगा तो ओ पी चौधरी के रूप में जो बड़ा दाँव उन्होंने खेला है वह असफल हो सकता है।

 

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