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राहुल गाँधी के प्लान “100 शहर” के तहत बिलासपुर पहुंचे AICC के प्रवक्ता शक्ति सिंह!….राफेल डील पर बोले – यह देश का सबसे बड़ा घोटाला….ऐसे तो मोदी का ट्वीटर कपालभारती करते हुए फटाफट ट्वीट करता है, राफेल पर आखिर चुप्पी क्यों?

राफेल डील को लेकर कांग्रेस मजबूती से सामने आकर मोदी सरकार को कटघरे में खड़े करते दिखाई दे रही है | कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के प्लान “100 शहर” के तहत आज अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता और बिहार के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल आज छत्तीसगढ़ के बिलासपुर प्रवास पर पहुंचे, उन्होंने पत्रवार्ता करके पॉइंट टू पॉइंट अपनी बात रखते हुए मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा किया, साथ राफेल डील को देश का सबसे बड़ा घोटाला बताते हुए तमाम तरह के आरोप भी लगाए |

शक्ति सिंह ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि इस देश के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ एक ही सरकार एक ही प्रधानमंत्री और तीन-तीन रक्षामंत्री बदल जाए, सिर्फ चार साल में ऐसा कभी हुआ नहीं है | क्योंकि मोदी जी चुनते हैं तो ऐसी जगह चुनते हैं जहाँ से सेफ करप्शन हो सके | लोगों को पता ना चले और करोड़ों से कम खाते नहीं | गुजरात में जीएसपी सीमेंट घोटाला हुआ, सीएजी ने कहा था | इसी तहर सेन्ट्रल में हुआ रक्षा मंत्रालय, जैसे ही प्रधानमंत्री बने अरुण जेटली को रक्षा मंत्रालय दिया, अरुण जेटली बड़े वकील है, देखा मोदी जी मेरे कंधे का उपयोग करके बड़ा भ्रष्टाचार करना चाहते हैं, उन्होंने मंत्रालय छोड़ दिया, फिर परिकर जी आए, परिकर जी ने देखा की मोदी जी मेरे कंधे पर गन रख रहे हैं, अपने स्टेट में स्पष्ट बहुमत नहीं था, फिर भी रक्षा मंत्रालय छोड़ा, गोवा के मुख्यमंत्री बन गए | अभी एक ऐसी महिला जो पॉलिटिकली मैचयोर्ड नहीं है, अभी अभी आपने एक वीडियो देखा होगा, जिस तरह से सब के सामने बात कर रही है | ऐसे मैचयोर्ड नहीं है ऐसी महिला के कन्धों पर मोदी जी राफेल का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार कर रहे हैं |

उनकी कुछ सच्चाई मैं सबके सामने रखना चाहता होना | हमारी फ़ोर्स की और से डिमांड आई, कांग्रेस की सरकार थी, मीडियम मल्टीपर्पस लड़ाकू हवाई जहाज चाहिए | इसके लिए जो एक बाकायदा टेक्नीकल कमेटी होती है, उनको काम दिया गया | टेक्नीकल कमेटी ने टेक्नीकल बिड निकाली, पूरी दुनिया के लिए इंटरनेशनल टेंडर निकले, जो हमारी जरुरत थी, फोर्स को जरुरत थी, एयर फोर्स को जरुरत थी, टेक्निकली दो कंपनियां क्वालिफाइड हुए | एक फ़्रांस की डास्सो और दूसरी यूरोप फाइंडर टाइकोल, ये दो कम्पनियाँ टेक्नीकल बिड में क्वालिफाइड हुई | इस दोनों के बीच में कांग्रेस सरकार ने फाइनेंशियल बिड निकाला, 12 दिसम्बर 2012 को, जिसमें सबसे सस्ता फ़्रांस की कंपनी डास्सो ने बिड की हुई थी, जो राफेल बनाते है 526 करोड़ 10 लाख में एक हवाई जहाज देने के लिए रेट कोट किया गया था, कांग्रेस सरकार ने कहा हम सिर्फ 18 जहाज आपके पास से बने बनाये लेंगे, उसके बाद सभी लड़ाकू जहाज, पूरी तकनीक हमें ट्रांसफर करने होंगे, पूरी टेक्नोलॉजी हमें देंगे, हमारी सरकार की कंपनी एचएएल सरकार के कंपनी ये लड़ाकू विमान हम बनाएंगे, डास्सो एग्री हुई | आगे चर्चा चल रही थी, उसके बाद हमें एक और शर्त राखी, जो 18 विमान बनाएंगे, उसके 50 परसेंट काम हमारे देश से होने चाहिए |

उसी दौरान ये सारी पक्रिया मोठे तौर पर फाइनल स्टेज पर थी, मोदी जी की सरकार आई, सरकार के आने के बाद विदेश सचिव कहते हैं उसी तकनीक से ये विमान बनेंगी, एचएएल बनाएगी | पता नहीं क्या हुआ 10 अप्रैल 2015 को, मोदी जी को एक शौक है विदेश में घूमने का,  उसी समय पेसिस में थे, पेरिस में तय हो जाता है, हम 36 राफेल हवाई जहाज खरीदेंगे, सारे फ़्रांस में बने होंगे | वही हवाई जहाज 300 फीसदी ज्यादा दाम में, वही टेक्निकल बिड 1670.70 करोड़ में लड़ाकू हवाई जहाज मोदी जी ख़रीदे | हम सरकार की कंपनी एचएएल, जिन्होंने सुखोई, विराज बनाये हैं, उसे इस यह काम दिया था, मोदी जी ने अपनी जिगरी दोस्त अनिल अम्बानी के लिए सरकार के कंपनी के दरवाजे बंद कर दिए | जिन्होंने एक भी हवाई जहाज नहीं बनाया है, पेरिस में डील होने के 10 दिन पहले एक कंपनी बनती है, लाइसेंस लेती है, इस नई कंपनी को आफसेट जो 36 हजार करोड़ रुपये देश में लगाना था, वो अम्बानी को दे दिया और जो मोदी जी 526 करोड़ वाले हवाई जहाज को 1670 करोड़ में सौदा करके आये |
हमारी सरकार थी, हमने विराज ख़रीदा, सदन में बिल लाया, चर्चा की, फिर ख़रीदा | सवाल मोदी जी एक देश की जनता को बताये 300 फीसदी ज्यादा कीमत में क्यों ख़रीदा | टेक्निकल कमेटी है, लेकिन उन्हें बायपास करके पेरिस में डील कर लिया | सरकार के अनुभवी कंपनी को छोड़कर अनिल अम्बानी की नई कंपनी को क्यों दिया | डास्सो एनुअल बिल में प्राइस दिखाया, फ़्रांस के पार्लियामेंट में शो हुई है, 1670 करोड़ बताया गया है | मोदी जी पार्लियामेंट में चर्चा करने से क्यों डरते हो | बहार बोलते हैं कांग्रेस डिफेंस में सवाल उठाकर इस देश की सुरक्षा के ऊपर सवाल उठा रही है | राजीव गाँधी को पूरी दुनिया मिस्टर क्लीन के नाम से जानती थी, उस वक्त भाजपा ने बोफोर्स पर सवाल उठाई, भाजपा ने पूरी मुहीम चलाई, भाजपा ने कहा हमको सिर्फ 7 दिन सत्ता दे दो, बोफोर्स राजीव गाँधी के खिलाफ सारे साबुत दे देंगे, सात दिन नहीं सात साल से भी ज्यादा सत्ता में रही | इतना भी साबुत नहीं ढूंढ पाए | उन्होंने जब भाजपा पॉवर में थी, तो उन्होंने कहा राजीव गाँधी ने एक पैसा खाया हो ऐसा कोई साबुत नहीं है |

कारगिल युद्ध के बाद सेना के मुखिया ने एक आर्टिकल लिखा, कारगिल युद्ध इतनी ऊंचाई और ठण्ड में हो रहा था, उस समय बोफोर्स नहीं होती तो हम कारगिल युद्ध नहीं जीत सकते  | वो राजीव गाँधी का विजन था, बोफोर्स गन लाये थे, कारगिल युद्ध जीते थे | रक्षा के मामले में कोई भी मामला नहीं छिपाये थे  | हमारे पास राफेल डील के सारे साबुत हैं, यदि जी जवाब दे | 
राफेल हवाई जहाज के लाइफ टाइम मेंटेनेंस भी है जो एक लाख करोड़ रुपये का टेंडर अनिल अम्बानी को मिला है, जो सरकार की कंपनी एचएएल को मिलना था, मोदी जी जवाब तो दें, दूसरों पर तो उनका ट्वीटर कपालभारती करते हुए ऐसे ट्वीट करता है, राफेल पर चुप्पी क्यों |

इस प्रेसवार्ता के दौरान पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल, प्रदेश सचिव चन्दन यादव, मीडिया सेल के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी, जिलाध्यक्ष विजय केशरवानी, नरेंद्र बोलर, प्रवक्ता शैलेश पांडेय, अभय नारायण राय समेत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मौजूद रहे |

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