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FIR ब्रेकिंग : छ्त्तीसगढ़ पापुनि टेंडर घोटाला मामले में 5 अफसरों के खिलाफ होगी FIR, राज्य शासन ने दी अनुमति

छ्त्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के चर्चित टेंडर घोटाला मामले में तत्कालीन महाप्रबंधक अशोक चतुर्वेदी सहित 5 अफसरों के खिलाफ एफआईआर होगी । राज्य शासन ने एफआइआर की अनुमति दे दी है । ईडब्लूएस पूरे मामले की जांच कर रही है । जांच में सामने आया है कि साढ़े 6 करोड़ रुपए से अधिक का अनियमित भुगतान किया गया है ।

आपको बता दें कि नवंबर 2019 में राज्य शासन ने पाठ्यपुस्तक निगम से चतुर्वेदी की प्रतिनियुक्ति खत्म करते हुए उनकी सेवाएं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को लौटा दी थी। इस निर्णय के खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट से स्टे ले लिया था। टेंडर में हुई अनियमितता की शिकायत के बीच जांच का जिम्मा एसीबी-ईओडब्ल्यू को सौंपा गया था।

प्रदेश के स्कूलों में ग्रीन बोर्ड, रेट्रो रिफ्लेक्टिव साइन बोर्ड लगाने के लिए पाठ्य पुस्तक निगम ने निविदा जारी की थी । इसकी जांच के लिए निगम द्वारा एक जांच समिति बनाई गई थी । इस समिति में रूपेश गभने, प्रभारी मुद्रण, रेख राज चौरागडे, प्रभारी वितरण, नंदकुमार नेताम आडिटर शामिल थे । समिति ने अपनी जांच रिपोर्ट में बताया है कि निविदाकारों के हस्ताक्षर के बगैर प्राप्त निविदाओं में जिसमें कूट रचित दस्तावेज भी प्रस्तुत किए गए थे, उनका छग भंडार क्रय नियम 2002 संशोधित 2004 के प्रावधानों के अनुसार भलिभांति परीक्षण किए बगैर निविदा स्वीकृति की अनुशंसा कर दी गई।

जानकारी के अनुसार होप इंटरप्राइजेस को अकेले को काम देने के लिए और लाभ पहुंचाने के लिए अशोक चतुर्वेदी और कमेटी के सभी सदस्यों ने उसे करोड़ों रुपये का ठेका दिया गया। इस टेंडर में चार आवेदक बताए गए हैं, लेकिन जांच में साबित हुआ कि होप इंटरप्राइजेस को काम देने के लिए बाकी फर्मों के नाम से झूठी निविदाएं पेश की गईं।

फर्जी दस्तावेज बनावटी प्रतियोगिता जांच रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि निविदा प्रक्रिया में फर्जी एवं बनावटी प्रतियोगी निविदाएं व कूट रचित दस्तावेजों में पाए गए तथ्यों के अनुसार मेसर्स न्यू क्रिएटिव फाइबर ग्लास रायपुर, मेसर्स मिनी सिगनासेस रायपुर तथा एसआर इंटर प्राइजेसेस के नाम से छल कटप पूर्वक फर्जी एवं बनावटी प्रतियोगी निविदाएं प्रस्तुत करने तथा मेसर्स होप एंटरप्राइजेसेस सुंदर नगर रायपुर को अपात्र होते हुए भी निविदा स्वीकृित की अनुशंसा की गई।

इस पूरी गड़बड़ी में 6 करोड़ 55 लाख 48 हजार 598 रुपए का अनियमित भुगतान हुआ। करोड़ों घोटाला, शासन को पहुंचाई हानि के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है। जनवरी-2020 में छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम के महाप्रबंधक अशोक चतुर्वेदी ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर न्याय और कुछ अफसरों के भय से निजात दिलाने की मांग की थी। पत्र में एमडी चतुर्वेदी ने लिखा था कि उनके खिलाफ आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने साल 2015 से 2019 तक मुद्रण कागज खरीदी, स्वेच्छानुदान, विविध मुद्रण और अन्य पर भ्रष्टाचार का प्राथमिक जांच शुरू की गई है।

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