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COVID-19 : “जनता कर्फ्यू” का जबर्दस्त असर, छत्तीसगढ़ के घरों में बंद हुए लोग, सड़कों पर सन्नाटा

कोराना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा ऐतिहातन कई निर्णय लिए गए हैं, देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 22 मार्च को जनता कर्फ्यू की अपील की थी, इसका असर छत्तीसगढ़ में भी व्यापक तौर देखने को मिल रहा है, ​रविवार की सुबह 11 बजे तक प्रदेश के लगभग सभी शहरों में जनता कर्फ्यू का असर दिखा | रायपुर, दुर्ग, भिलाई, बिलासपुर, जांजगीर से लेकर बस्तर और सरगुजा में ज्यादातर लोग अपने घरों में ही हैं, व्यापारियों ने भी इसका समर्थन किया है और दुकानें बंद हैं |

राजधानी रायपुर के सभी प्रमुख बाजार बंद ही हैं, सड़क पर भी सन्नाटा पसरा हुआ है, छत्तीसगढ़ में आपात सेवाओं को छोड़ सब कुछ बंद है. सड़कों में सन्नाटा पसरा हुआ है. पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद कर दिए गए हैं, लोकल बसें भी बंद हैं | रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, एयरपोर्ट सब खाली है. सड़कों पर नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग व पुलिस के जवान जरूर नजर आ रहे हैं, लेकिन आम लोगों यहां नजर नहीं आ रहे हैं. आवश्यक सेवाओं के लिए पुलिस व स्वास्थ्य विभाग के लोग टीम बनाकर अलग अलग इलाकों में घूम रहे हैं |

पीएम मोदी ने कहा था कि सभी लोगों को 22 मार्च रविवार को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक जनता कर्फ्यू का पालन करना चाहिए । इस दौरान न सड़क पर जाएं, न मोहल्ले में जाएं । प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे आपके आने वाले कुछ सप्ताह चाहिए । आपका आने वाला कुछ समय चाहिए । अभी तक विज्ञान कोरोना महामारी से बचने के लिए कोई उपाय नहीं ढूंढ़ पाया है, न ही कोई वैक्सीन बन पाई है। दुनिया के जिन देशों में कोरोना का प्रभाव जहां कोरोना का संकट सामान्य बात नहीं है, जब बड़े-बड़े और विकसित देश इससे प्रभावित है, तो ऐसे में यह सोचना कि भारत पर इसका असर नहीं पड़ेगा गलत है। पीएम मोदी ने कहा, ‘दो चीजें जरूरी है-संकल्प और संयम। अपना संकल्प और दृढ़ करना होगा, कि इस वैश्विक महामारी को रोकने के लिए एक नागरिक के नाते हम केंद्र और राज्यों के दिशा-निर्देशों का पूरी तरह से पालन करेंगे। आज हमें यह संकल्प लेना होगा कि हम स्वयं संक्रमित होने से बचेंगे और दूसरों को भी संक्रमित होने से बचाएंगे।’

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