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फेसबुक पर पोस्ट करना कलेक्टर को पड़ा महंगा, बढ़ सकती है मुश्किलें, केंद्र ने मांगी रिपोर्ट…..जानिए ये है मामला

कलेक्टर जगदीश चंद्र जटिया की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं, छपाक फिल्म और CAA के ज़रिए सोशल मीडिया पर अपनी भावनाएं ज़ाहिर कर गए कटारिया की रिपोर्ट अब केंद्र ने तलब की है, केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय ने राज्य सरकार से मंडला कलेक्टर की टिप्पणी के मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है, सामान्य प्रशासन विभाग कलेक्टर जगदीश चंद्र जटिया से जवाब लेकर केंद्र को रिपोर्ट भेजेगा |

केंद्र ने फिल्म छपाक और सीएए को लेकर सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने पर मंडला कलेक्टर जगदीश चंद्र जटिया से सफाई मांगी है, जटिया ने छपाक फिल्म की रिलीज के दौरान हो रहे विरोध के बीच अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा था “तुम चाहे जितनी घृणा करो…हम देखेंगे छपाक. इस पोस्ट पर कई कमेंट आए थे. इन्हीं में से एक प्रियांश राकेश साहू नामक फेसबुक यूजर ने कलेक्टर से पूछा था कि आप इनका विरोध क्यों नहीं कर रहे, कलेक्टर ने पूछा किसका विरोध करें ? प्रियांश राकेश साहू ने लिखा JNU के लोग CAA / NRC का विरोध कर रहे है, कुछ अभिनेता भी उनका समर्थन कर रहे है, ABVP के लोग भी घायल हुए है उनका कोई समर्थन नहीं कर रहा, इसका कलेक्टर ने ये जवाब दिया था कि “मुझे अपने विवेक का इस्तेमाल करना आता है, मैं खुद भी CAA / NRC का सपोर्ट नहीं करता, मारपीट भी टीवी पर देखी ही है”. बस उनका इतना लिखना था कि विवाद खड़ा हो गया, हालांकि बात बढ़ती देख उन्होंने अपनी पोस्ट हटा ली थी और कुछ देर बाद अपने फेसबुक अकाउंट को बंद कर दिया था |

कलेक्टर से सफाई मांगी
मंडला कलेक्टर जगदीश चंद्र जटिया की टिप्पणी को लेकर विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला था, कहा था अधिकारियों को इस तरह की टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है,भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने सरकार को और पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने राज्यपाल लालजी टंडन को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की थी, राज्य सरकार ने अब तक कार्रवाई नहीं की, अब कार्मिक मंत्रालय ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर इस मामले में जवाब मांगा है, सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों का कहना है पत्र मिलने के बाद अब जवाब देने की प्रक्रिया चल रही है.कलेक्टर से उनका पक्ष लेकर जल्द ही रिपोर्ट कार्मिक मंत्रालय को भेजी जाएगी |

IAS सर्विस मीट में सलाह
मंडला कलेक्टर की पोस्ट पर हुए विवाद के फौरन ही बाद भोपाल में हुई आईएएस सर्विस मीट में भी इसका ज़िक्र हुआ था, अधिकारियों को मशविरा दिया गया था कि सोशल मीडिया पर सोच-समझकर ही लिखें या कुछ भी पोस्ट करें |

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