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बिग ब्रेकिंग : रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया IAS अफसर, 2009 बैच के हैं IAS अफसर….UPSC में ऑल इंडिया 5th रैंक किया था हासिल

सतर्कता विभाग ने एक लाख रुपए घूस लेते हुए एक आईएएस अधिकारी को गिरफ्तार किया है। 2009 बैच के ओडिसा कैडर के अधिकारी विजय केतन उपाध्याय को भुवनेश्वर से उस वक्त गिरफ्तार किया गया जब वे एक फार्म हाउस के मालिक से घूस ले रहे थे। 2008 के सिविल सेवा परीक्षा में उपाध्याय ने पांचवीं रैंक हासिल की थी।

अधिकारियों ने बताया कि सूचना के आधार पर उपाध्याय के बालासोर और भुवनेश्वर स्थित आवास पर छापेमारी की गई थी। उपाध्याय की गिरफ्तारी के बाद राज्य सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया है। उपाध्याय वर्तमान में ओडिसा हॉर्टिकल्चर विभाग के डायरेक्टर हैं। उपाध्याय की गिरफ्तारी के बाद सतर्कता विभाग के अधिकारियों ने बताया, ‘पिछले कुछ सप्ताह से ऐसी सूचनाएं मिल रही थीं कि हॉर्टिकल्चर विभाग के डायरेक्टर घूस ले रहे हैं। इसी के बाद हमने उनपर नजर रखनी शुरू कर दी और इसी कड़ी में यह कार्रवाई की गई है।’

उपाध्याय की गिरफ्तारी उस वक्त हुई है जब विपक्ष पटनायक सरकार पर आरोप लगा रहा था कि राज्य सरकार केवल राज्य सरकार के छोटे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है जबकि बड़े कथित तौर पर बड़े भ्रष्टाचार में शामिल आईएएस और आईपीएस अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। पिछले 9 साल में सतर्कता विभाग ने 9 आईएएस अधिकारियों के खिलाफ 11 मामले दर्ज किए हैं। वहीं 227 केस ओएएस अधिकारियों के खिलाफ हैं। विभाग ने 6 केस में चार्जशीट दाखिल कर दी है। एक केस में फाइनल रिपोर्ट दे दी गई है जबकि चार मामलों में अभी भी जांच जारी है।

मुख्यमंत्री के तौर पर अपने पांचवें कार्यकाल में नवीन पटनायक अधिकारियों से जनता से जुड़े काम में तेजी लाने पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। इसके साथ ही भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई पर भी जोर है। इसी साल अक्टूबर में उन्होंने ‘मो सरकार’ नाम का फीडबैक सिस्टम लॉन्च किया था। इसके माध्यम से अधिकारी किसी शख्स को कॉल कर अस्पताल और थानों में मिल रही सुविधाओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकता था। इसके लॉन्च के समय पटनायक ने कहा था, ‘अधिकारी  जनता के पैसे से सैलरी पाते हैं। ये उनका कर्तव्य है कि वे उनके लिए अच्छी सर्विस दें। लोकतंत्र में जनता ही जनार्दन है।’

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