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फ्लाइट कैंसल करने में इंडिगो अव्वल, इस साल रद्द की 1824 उड़ानें

आम आदमी को हवाई सफर कराने के लिए जहां मोदी सरकार उड़ान स्कीम के जरिए हवाई संपर्क को बेहतर करने में जुटी हुई है। वहीं एयरलाइन कंपनियां फ्लाइट कैंसल करके यात्रियों का उत्पीड़न करने में लगी हुई हैं। इस साल मई तक उड़ानें रद्द करने के 3 हजार 843 मामले सामने आ चुके हैं। इंडिगो एयरलाइंस उड़ानें रद्द करने में सबसे आगे रही, जिसके बाद नंबर एयर इंडिया का रहा। वहीं क्षतिपूर्ति देने में इंडिगो ने जमकर कंजूसी बरती।

फ्लाइट टिकट कैंसिल करने में एयरलाइंस कंपनियों की मनमानी रुकने का नाम नहीं ले रही है। कंपनियां खराब मौसम, कोहरे जैसी तमाम वजह बता कर फ्लाइट कैंसिल कर देती हैं, जिसका नुकसान यात्रियों को भुगतना पड़ता है।

लोकसभा में मानसून सत्र के दौरान एक सवाल के जवाब में नागरिक उड्ड्यन मंत्रालय के जारी आंकड़ों के मुताबिक साल 2018 में अभी एयरलाइंस कंपनियां इस साल मई 3 हजार 843 उड़ानें रद्द कर चुकी हैं, जिसके चलते 152069 यात्री प्रभावित हुए। हालांकि उड़ान कंपनियों ने क्षति पूर्ति के रूप में 22 करोड़ रुपए दिए।

उड़ाने रद्द करने में सबसे टॉप पर इंडिगो एयरलाइंस रही, जिसने इस साल मई तक 1824 उड़ानें रद्द की। वहीं इंडिगो की उड़ानें रद्द होने से एक लाख से ज्यादा यात्री प्रभावित हुए, जबकि क्षति पूर्ति के नाम पर केवल साढ़े चार लाख रुपए जारी किए।

वहीं एयर इंडिया उड़ानें रद्द करने में नंबर दो पर रही और इस साल मई तक 623 उड़ानें रद्द की, जिससे करीब 17 हजार यात्री प्रभावित हुए और उन्हें क्षतिपूर्ति के तौर पर 77 लाख रुपए जारी किए।

सरकार से जारी आंकड़ों के मुताबिक साल 2017 में इंडिगो ने 1934 उड़ानें रद्द की और 52 हजार 489 यात्री परेशान हुए। जबकि मात्र 5 लाख रुपए बतौर क्षतिपूर्ति दिए। जबकि एयर इंडिया ने 1427 और जेट एयरवेज ने 870 और हवाई यात्राएं रद्द की। एयर इंडिया की उड़ानें रद्द होने से 36 हजार यात्री परेशान हुए और 1 करोड़ 90 लाख रुपए हर्जाने के तौर पर दिए। वहीं जेट एयरवेज ने 870 उड़ानें रद्द की, जिससे 18 हजार यात्री परेशान हुए और 30 लाख रुपए कंपनी ने हर्जाने के तौर पर दिए।

सवाल के जवाब में नागर विमानन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने बताया कि एयरलाइंस कंपनियों के फ्लाइट में देरी, कैंसिलेशन या बोर्डिंग से मनाही करने पर यात्रियों को क्षतिपूर्ति देना आवश्यक है। वहीं वास्तविक प्रस्थान समय से 6 घंटे से ज्यादा की देरी होने पर यात्रियों को पूरा किराया वापस करना होगा। उन्होंने बताया कि अगर फ्लाइट बुकिंग के 24 घंटे के भीतर यात्री टिकट कैंसल कर देते हैं, तो उन्हें इसके लिए कोई कैंसिलेशन चार्ज नहीं देना होगा।

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