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अरपा, शिवनाथ, खारुन समेत प्रदेश की पांच नदियों के किनारे लगाए जाएंगे फलदार पौध, हरियर छत्तीसगढ़ के तहत प्रदेशभर में लगाए जाएंगे 7 करोड़ पौधे…..CM भूपेश ने औद्योगिक संस्थाओं से कहा : पर्यावरण की रक्षा में सहभागिता निभाएं

हरियर छत्तीसगढ़ के तहत प्रदेश की प्रमुख पांच नदियों इन्द्रावती, अरपा, खारून, शिवनाथ और सकरी नदी के किनारे 633 हेक्टेयर क्षेत्र में 7 लाख 38 हजार 826 पौधों का रोपण किया जाएगा, इसमें फलदार पौधों के रोपण को प्राथमिकता दी जाएगी। इस अभियान के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने 7 करोड़ 13 लाख पौधों के रोपण का लक्ष्य रखा गया है। राज्य के 594 नदी-नालों के किनारे लगभग 23 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में पौधरोपण किए जाएंगे।

इसके साथ ही राज्य के प्रमुख एवं बड़े तकनीकी शिक्षण संस्थाओं जैसे आईआईएम, आईआईआईटी, चिकित्सा महाविद्यालय कैम्पस बस्तर, चिकित्सा महाविद्यालय राजनांदगांव, जंगल सफारी सहित सभी नगरीय निकायों के प्रमुख उद्यानों में भी पौधरोपण किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में आयोजित हरियर छत्तीसगढ़ पौधरोपण कार्यक्रम की बैठक यह जानकारी दी। सीएम भूपेश बघेल ने निर्देश दिए कि वृक्षारोपण के लिए ऐसे स्थानों का चयन किया जाए जहां पौधों को वृद्धि के लिए अनुकूल वातावरण मिल सके। पौधरोपण के पश्चात पौधों के जीवित रहने और वृद्धि करने की गति की निगरानी की जाए। उन्होंने शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों मंे फलदार वृक्षों के रोपण पर जोर दिया। उन्होंने औद्योगिक संस्थानों को भी हरियर छत्तीसगढ़ अभियान में अपनी भागीदारी निभाने का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने निर्माणाधीन आवासीय कालोनियों में भी अनिवार्य रूप से पौधरोपण और जल संरक्षण के कार्य करने पर जोर दिया। इसी तरह राज्य में निर्मित किए जा रहे गोठान में विशेष रूप से फलदार वृक्ष लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने गुरूर और धरसींवा विकासखण्ड में विशेष रूप से जल स्तर के बढ़ोत्तरी के लिए सहायक पौधों के रोपण के निर्देश दिए।

वन विभाग के अपर मुख्य सचिव आर. पी. मण्डल ने बताया कि पौधरोपण का कार्य मुख्य रूप से वन विभाग, वन विकास निगम और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किया जाएगा। अन्य विभागों को भी पौधरोपण के लिए पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे।

बैठक में पौधरोपण के कार्य में औद्योगिक संस्थानों को अपेक्षित सहयोग देने के निर्देश दिए गए।औद्योगिक संस्थानों के द्वारा उत्पादित सामग्री और इस कार्य में हो रहे प्रदूषण के आधार पर उन्हें अपने-अपने क्षेत्रों में पौधरोपण करने की समझाइश दी गई है।

बैठक में वन मंत्री मोहम्मद अकबर, मुख्य सचिव सुनील कुमार कुजूर, एनएमडीसी के सीएमडी एन बैजेन्द्र कुमार, विशेष सचिव उद्योग श्रीमती अलरमेल मंगई डी सहित राज्य में कार्यरत् भिलाई स्टील प्लांट, एनटीपीसी, एसईसीएल, बालको, जायसवाल निक्को, एसकेएस पावर, जिंदल स्टील एन्ड पावर, बंजरंग पावर एन्ड इस्पात, राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड, सारडा एनर्जी एन्ड मिनिरल्स, गोदावारी पावर एन्ड इस्पात कम्पनियों के प्रतिनिधि और वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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