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शहरी विकास के बजट में 20 गुना वृद्धि, नगरीय प्रशासन विभाग का बजट 167 करोड़ से बढ़कर अब 3357 करोड़ : अमर अग्रवाल

शहरी आबादी बढ़ने के साथ-साथ उन्हें मूलभूत सुविधाएं दिलाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के बजट में भी लगातार वृद्धि हो रही है । नगरीय प्रशासन विभाग का बजट 167 करोड़ से बढ़कर अब 3357 करोड़ रुपये हो गया है |

नगरीय प्रशासन और विकास मंत्री अमर अग्रवाल ने बताया कि  राज्य निर्माण के समय वित्तीय वर्ष 2001-2002 में विभाग का बजट जहां केवल 167 करोड़ रुपए था, जो कि आज बढ़कर वर्ष 2018-2019 में 3 हजार 358 करोड़ रुपए हो गया है। इस प्रकार पिछले लगभग18 वर्षों में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के बजट में 20 गुना से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है । इससे ना केवल बड़े शहर बल्कि राज्य  के छोटे-छोेटे शहरों में भी सुविधाजनक तरीके से आने-जाने के लिए सड़क, सी.सी रोड, पक्की नालियां, पेयजल पाईप जैसी मूलभूत सुविधाएं आसानी से मिलने लगी हैं।

अमर अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार ने शहरी विकास की अवधारणा को व्यापक और विस्तृत बनाया है। विकास का मतलब अब केवल कुछ परियोजनाओं के क्रियान्वयन अथवा अधोसंरचना निर्माण से ही नहीं है, बल्कि शहरी जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए व्यवस्थित और समन्वित प्रयास से हैं । राज्य सरकार की शहरी विकास के प्रति वचनबद्धता का ही परिणाम है कि साल दर साल शहरी विकास का बजट बढ़ा है। मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने के साथ-साथ शहरी स्वच्छता अभियान में भी राज्य ने अग्रणी भूमिका निभाई है ।प्रधानमंत्री द्वारा वर्ष 2019 तक सम्पूर्ण शहरी स्वच्छता के लक्ष्य को प्राप्त करने के दो साल पहले ही राज्य के सभी 168 नगरीय निकाय सम्पूर्ण रूप से स्वच्छ घोषित किये जा चुके हैं ।

श्री अग्रवाल ने बताया कि राज्य निर्माण के समय वर्ष 2001-2002 में महज 167 करोड़ से नगरीय विकास का काम शुरू किया गया था। तीन साल बाद वित्तीय वर्ष 2004-2005 में यह राशि लगभग दोगुनी बढ़ाकर 310 करोड़ की गई। इसके बाद लगातार बजट में वृद्धि करते हुए वर्ष 2005-2006 में 420 करोड़, वर्ष 2006-2007 में 837 करोड़ रुपए, वर्ष 2007-2008 में 1011 करोड़, वर्ष 2008-2009 में 1132 करोड़, वर्ष 2009-2010 में 1110 करोड़ रुपए, वर्ष 2010-2011 में 1250 करोड़, वर्ष 2011-12 में 1449 करोड़ और वर्ष 2012-2013 में बढ़ाकर 2191 करोड़ रूपए की गई। इसके बाद वर्ष 2013-2014 में 2573 करोड़ रुपए, वर्ष 2014-2015 में 2 हजार 191 करोड़ रुपए तथा वर्ष 2015-2016 में 2 हजार 486 करोड़ बढ़ाई गई। नगरीय प्रशासन विभाग के इस वर्ष 2018-19 में प्रस्तुत बजट में लगभग एक हजार करोड़ रुपए की वृद्धि करते हुए 3 हजार 359 करोड़ रूपए की गई है। बजट में स्वीकृत कामों पर अमल भी शुरू हो गया है।

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