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आदिवासी आंदोलन में बोले अजित जोगी….आदिवासियों के अस्तित्व को बचाना जरुरी….बस्तर का फैसला बस्तर में हो….देवी-देवताओँ का स्थान किसी और को लेने नहीं दूंगा

अडानी की कंपनी को एनएमडीसी के 13 नंबर लोह अस्यक खदान देने का विरोध कर रहे आदिवासियों को अपना समर्थन देने पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी ने कहा कि आपके इस लड़ाई में मैं कंधे से कन्धा मिलाकर लडूंगा जब तक की राज्य और केंद्र सरकार आदिवासियों के हित में कोई उचित फैसला नहीं लेता, इसके साथ ही अजित जोगी ने कहा कि मैं मर जाना पसंद करूंगा, लेकिन हमारे देवी देवताओं के स्थान को किसी और को लेने नहीं दूंगा |

पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी ने कहा कि आदिवासियों का अस्तित्व बचाना जरुरी है, मैं भी आदिवासी हूं, आदिवासियों का दर्द समझता हूं, इसके साथ ही उन्होंने काह कि रायपुर में बैठकर फैसले लिए जा रहे है, जो बस्तर के साथ गलत हो रहा है, बस्तर के फैसले बस्तर में हो | हम आदिवासियों को बेघर नहीं होने देंगे और इसके खिलाफ लड़ेंगे |

बता दें कि अडानी की कंपनी को एनएमडीसी के 13 नंबर लोह अस्यक खदान देने के विरोध में गुरुवार से आदिवासियों ने हल्ला बोल दिया है, गुरुवार से ही पहुंचे हजारों के तादाद में आदिवासियों ने कल शुक्रवार को एनएमडीसी के चेकपोस्ट को घेर लिया और वहां धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है |एनएमडीसी के गेट के सामने की जगह अब इनका ठौर-ठिकाना बन गई है, और यह विरोध जब तक जारी रहेगा जब तक की डिपोजिट नंबर 13 का दिया गया ठेका सरकार रद्द नहीं कर देती |

बता दें कि नंदाराज पहाड़ को बचाने के लिए कल गुरुवार से ही हजारों की संख्या में आदिवासी अपने जंगल और घरों को छोड़कर यहां पहुंच रहे हैं, महिलाओं बच्चों के साथ ही अनिश्चित कालीन प्रदर्शन के लिए ये राशन समेत यहां पहुंचे हैं, एनएमडीसी के गेट के सामने की जगह अब इनका ठौर-ठिकाना बन गई है, और यह विरोध जब तक जारी रहेगा जब तक की डिपोजिट नंबर 13 का दिया गया ठेका सरकार रद्द नहीं कर देती |

वही इस विरोध प्रदर्शन का सभी राजनीतिक पार्टी, सामाजिक कार्यकर्ता के अलावा नक्सलियों ने भी अपना समर्थन दिया है | जनता कांग्रेस जोगी ने आदिवासियों के इस विरोध प्रदर्शन को अपनी समर्थन देने का कल शुक्रवार को एलान किया था, जिसके बाद आज जनता कांग्रेस पार्टी सुप्रीमों अजित जोगी घेराव स्थल पहुंच गए है |

बताया जा रहा है कि अडानी ग्रुप ने सितंबर 2018 को बैलाडीला आयरन ओर माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड यानी बीआईओएमपीएल नाम की कंपनी बनाई और दिसंबर 2018 को केन्द्र सरकार ने इस कंपनी को बैलाडीला में खनन के लिए 25 साल के लिए लीज दे दी | बैलाडीला के डिपॉजिट 13 में 315.813 हेक्टेयर रकबे में लौह अयस्क खनन के लिए वन विभाग ने वर्ष 2015 में पर्यावरण क्लियरेंस दिया है, जिस पर एनएमडीसी और राज्य सरकार की सीएमडीसी को संयुक्त रूप से उत्खनन करना था, इसके लिए राज्य व केंद्र सरकार के बीच हुए करार के तहत संयुक्त उपक्रम एनसीएल का गठन किया गया था |

 

 

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