2018 बैच के IAS-IPS अफसरों को कैडर चुनने फिर मिलेगा मौका, वरीयता से आधार पर मिलेगा कैडर…SC का अहम् फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने 2018 बैच के 20 आईएएस व आईपीएस अधिकारियों को बड़ी राहत दी है | कोर्ट ने कैडर आवंटन निरस्त मामले में सुनवाई करते हुए आईएएस आईपीएस को उनके प्राथमिकता के हिसाब से कैडर दिए जाने को कहा है | शीर्ष कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि इन अधिकारियों को इस साल उनकी तरजीह वाले राज्य कैडरों में एक पद की वृद्धि कर समायोजित किया जाएगा |
बता दें कि शीर्ष अदालत ने केंद्र द्वारा दायर उस अपील पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया जिसमें दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई, दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने फैसले में 2018 बैच के आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के पूरे कॉडर आवंटन को निरस्त कर दिया था |
मेहता ने नए कैडर सिस्टम का बचाव करते हुए कहा कि अगर सभी अपने मनमुताबिक कैडर चाहेंगे तो अखिल भारतीय सेवा का क्या मतलब रह जाएगा। उन्होंने कहा कि कैडर व्यवस्था केदेश को पांच जोन में बांटा गया है। 2018 बैच केआईएएस-आईपीएस अधिकारी का प्रशिक्षण लगभग पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट केआदेश को खारिज कर दिया जाना चाहिए। लेकिन पीठ सॉलिसिटर जनरल की दलीलों से संतुष्ट नहीं थी। हालांकि पीठ ने सॉलिसिटर को इस मसले का समाधान निकालने के लिए उपाय सुझाने के लिए कहा।
जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस संजीव खन्ना की अवकाश पीठ ने यह बयान देकर अत्यंत निष्पक्षता दिखाने पर सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता की तारीफ की कि इस मुद्दे पर हाई कोर्ट से गुहार लगाने वाले 18 तथा केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) जाने वाले दो अन्य याचिकाकर्ताओं को उनकी संबंधित पसंद में ‘99’ पर विचार किए बिना उन्हें समायोजित किया जाएगा |
पीठ ने साफ किया कि यह व्यवस्था सिर्फ इन्हीं 20 आईएएस-आईपीएस अधिकारियों तक सीमित रहेगी। इस तरह का फायदा और किसी को नहीं दिया जाएगा। साथ ही पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि अन्य अभ्यथियों को दिए गए कैडर में किसी तरह का बदलाव नहीं होगा।