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Breaking : वन विभाग के SDO को हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत, राज्य सरकार का अनिवार्य सेवानिवृत्ति आदेश निरस्त….सेवा में वापस लेने का निर्देश

सर्विस रिव्यू के आधार पर राज्य सरकार द्वारा वन अफसरों को दी गई अनिवार्य सेवानिवृत्ति मामले में सरकार को बड़ा झटका लगते नजर आ रहा है | हाईकोर्ट ने आज एसडीओ एमएम चतुर्वेदी के दायर याचिका में सुनवाई करते हुए उन्हें बड़ी राहत दी है | हाईकोर्ट ने एसडीओ एमएम चतुर्वेदी के अनिवार्य सेवानिवृत्ति के आदेश को निरस्त करते हुए राज्य सरकार को उन्हें वापस सेवा में लेने का आदेश जारी किया है | इसके साथ ही इस मामले से सम्बंधित अन्य याचिकों पर जल्द सुनवाई होना बताया जा रहा है |
बता दें कि दो साल पहले 2017 में सर्विस रिव्यू के आधार पर राज्य सरकार ने वन विभाग के पांच एसडीओ रैंक के अफसरों और 19 रेंजरों को राज्य सरकार ने नौकरी से बाहर कर दिया था । सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों के सर्विस रिव्यू के आधार पर पुलिस विभाग के बाद वन विभाग ने भी ये कार्रवाई की गई थी । पीसीसीएफ आरके टम्टा के नेतृत्व में बनी रिव्यू कमेटी की सिफारिश पर एसडीओ एमएम चतुर्वेदी, लक्ष्मण सिंह, एके सक्सेना, सिद्घनाथ पैकरा और पीडी गुप्ता को सेवानिवृत्त किया गया था । इन सबकी सीआर में गड़बड़ी मिली थी । जिन 19 रेंजरों को सेवानिवृत्ति दी गई है, उनमें आरके पंडित, एसपी दुबे, गजमन राम कश्यप, नागराज मंडावी, शोभाराम चौधरी, गयाराम देहारी, मरकाम दास नाग, सुखलाल दर्रो, कमलेश मंडावी, जफर खान, एसआर कश्यप, ललन सिंह, भानुराम नेताम, अब्दुल सत्तार खान, लखमूराम कश्यप, केके ओहदार, छेदीलाल राज, खम्मन सिंह दर्रो और राजकुमार शर्मा के नाम शामिल था | जिन अफसरों को सेवा से बाहर किया गया है, उनमें से कुछ के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर मामले लंबित था | इस कार्रवाई के बाद कई अफसरों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, इन अफसरों की याचिका पर सुनवाई शुरू हो चुकी है |

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